देश में निजीकरण को लेकर सरकार तेजी से काम कर रही है। इसी क्रम में देश में बैंकिंग व्यवस्था में बदलाव करने के लिए सरकार तेजी से प्राइवेटाइजेशन की तरफ बढ़ रही है। लेकिन इस बीच बड़ी खबर सामने आई है। 16 दिसंबर तक सरकार IDBI बैंक को प्राइवेट करने की तयारी में जुट गई है। इसमें सरकार की 45.48 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि एलआईसी की 49.24 प्रतिशत हिस्सेदारी है। जिसमें से केंद्र 30.48 प्रतिशत और LIC 30.24 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगा। गौरतलब है है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चालू वित्त वर्ष के लिए बजट पेश करते हुए वित्त वर्ष 2022 में आईडीबीआई बैंक के साथ दो सरकारी बैंकों का निजीकरण की घोषणा की थी। जिसके बाद इस बैंक के निजीकरण के लिए बोलियां मंगाई जाने लगी। इसके अलावा, नीति आयोग (NITI Aayog) ने प्राइवेटाइजेशन के लिए दो PSU बैंक को शॉर्टलिस्ट भी कर लिया है। लगातार हो रहे विरोध के बावजूद सरकार निजीकरण को लेकर अपना पक्ष पहले ही साफ कर चुकी है। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने कहा भी था कि चालू वित्त वर्ष में एक बीमा कंपनी को बेचा जाएगा।
सरकार IDBI बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है। जिसके लिए सरकार ने स्ट्रैटेजिक विनिवेश के लिए बोलियां मंगवाई है। विभाग से संबंधित एक अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) मिलकर आईडीबीआई बैंक में 60.72 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी। IDBI Bank में सरकार की हिस्सेदारी 45.48 फीसदी है, जबकि एलआईसी की हिस्सेदारी 49.24 फीसदी है। बताया जा रहा है कि सरकार और एलआईसी आईडीबीआई बैंक में कुछ हिस्सेदारी बेचेगी और फिर खरीदार को मैनेजमेंट कंट्रोल भी सौंप दिया जाएगा। आरबीआई इसके तहत 40 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी खरीदने को मंजूरी दे सकता है। इस क्रिया के दौरान केंद्र 30.48 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगा और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) आईडीबीआई बैंक में 30.24 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगा।
कुछ समय पहले भी सूत्रों ने इसकी पुष्टि की थी कि सरकार आईडीबीआई बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए मई में ईओआई को आमंत्रित कर सकती है और विनिवेश प्रक्रिया को चालू वित्त वर्ष 2022-23 में पूरा करने की उम्मीद है। गौरतलब है कि आईडीबीआई बैंक के लिए ईओआई जमा करने की अब अंतिम तारीख 16 दिसंबर है और सभी ईओआई 180 दिनों के लिए वैध होंगे। हालांकि इससे इतर यह अनुमान है कि इसे 180 दिनों के लिए और बढ़ाया जा सकता है। दीपम सचिव तुहिन कांता पांडे ने कहा है, ‘सफल बोली लगाने वाले को आईडीबीआई बैंक के सार्वजनिक शेयरधारकों के लिए खुली पेशकश करनी होगी।’
निजीकरण के लिए सरकार ने कई कंपनियों की लिस्ट बनाई है। इसके तहत लगभग आधे दर्जन से अधिक सार्वजनिक कंपनियों की सूची तैयार हुई है। इनमें शिपिंग कॉर्प, कॉनकॉर, विजाग स्टील, आईडीबीआई बैंक, एनएमडीसी का नगरनार स्टील प्लांट और एचएलएल लाइफकेयर को शामिल किया गया है। इतना ही नहीं, सरकार चालू वित्त वर्ष 2022-2023 में अब तक सरकार केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (CPSE) के विनिवेश से 24,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटा चुकी है।