दस फीसदी मेडिकल के विद्यार्थी पढ़ रहे हिन्दी की पाठ्य पुस्तकें

अगले सत्र में अंग्रेजी के साथ हिन्दी भाशा में भी होगा प्रष्नपत्र
भोपाल। मध्यप्रदेष में एमबीबीएस की पढ़ाई हिन्दी  भाषा   में भी ष्षुरू की है। इसके चलते मेडिकल कक्षाओं की पुस्तकों का लिप्यातंरण कराया जा रहा है। फिलहाल दस फीसदी विद्यार्थी हिन्दी की पुस्तकों का अध्ययन कर रहे हैं। अगले सत्र से अंग्रेजी के साथ-साथ हिन्दी भाषा में भी एमबीबीएस के प्रष्नपत्र तैयार किए जाएंगे।
यह जानकारी आज राज्य के मुख्यमंत्री और चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेन्द्र ष्षुक्ला ने विभाग हिन्दी में एमबीबीएस पाठ्यक्रम संचालन संबंधी कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए दी। मंत्री ने बताया कि अब तक प्रथम वर्ष के तीनों विषयों की पाठ्यपुस्तकें हिन्दी में उपलब्ध करा दी गयी हैं। द्वितीय एवं तृतीय चरण में आगामी वर्षों की पाठ्यपुस्तकों का हिन्दी लिप्यंतरण कार्य प्रगतिरत है। उल्लेखनीय है कि हिन्दी लिप्यंतरण कार्य के द्वितीय एवं तृतीय चरण में 12 विषयों की 13 पुस्तकों में से 9 पुस्तकें हिन्दी भाषा में उपलब्ध हो गयी हैं। शेष 4 पुस्तकें भी जनवरी माह के अंत तक पूर्ण कर ली जायेंगी।
षुक्ला ने बताया कि हिन्दी भाषा में एमबीबीएस पाठ्यक्रम का लाभ ले रहे छात्रों के फीडबैक के संबंध में जानकारी प्राप्त की। लगभग 10 प्रतिशत विद्यार्थी हिन्दी भाषा की पाठ्यपुस्तकों का लाभ ले रहे हैं। उप मुख्यमंत्री ने आगामी सत्र से अंग्रेजी के साथ हिन्दी में भी प्रश्नपत्र तैयार करने की व्यवस्था करने के निर्देश दिये। हर मेडिकल कॉलेज में हिन्दी प्रकोष्ठ ‘मंदार’ का गठन किया गया है।
हमीदिया में संचालित की जाएगी कैथ लैब
उप मुख्यमंत्री ने हमीदिया में कैथ लैब संचालन की समस्या पर संज्ञान लेते हुए निर्देश दिये कि शीघ्र संचालन की व्यवस्था करें। बैठक में अवगत कराया गया कि नई बिल्डिंग में कैथ लैब संचालन के लिए स्थान दिया गया है। जब तक नया ओपीडी ब्लॉक नहीं बनता तब तक कैथ लैब यहीं संचालित की जायेगी। जल्द ही लैब की शिफ्टिंग भी की जाएगी।

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