Bhopal News: नगर निगम परिषद की बैठक में हंगामा, पक्ष-विपक्ष के बीच नोक-झोंक, महापौर ने पेश किया अंतरिम बजट

आवारा श्वानों के बढ़ते आतंक, नगर निगम में भ्रष्टाचार, झील संरक्षण में धांधली जैसे अनेक मसलों पर कांग्रेसी पार्षदों ने किया हंगामा। अंतरिम बजट पेश करने के दौरान विपक्षी सदस्यों ने काली पट्टी बांधकर जताया विरोध।

By Ravindra Soni  Edited By: Ravindra Soni  Publish Date: Sat, 10 Feb 2024 09:09 AM (IST)  Updated Date: Sat, 10 Feb 2024 03:40 PM (IST)

नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। नगर निगम परिषद की बैठक में भाजपा पार्षद देवेंद्र भार्गव ने ने अपनी ही परिषद के सदस्य जितेंद्र शुक्ला को घेर लिया। पार्षद देवेंद्र भार्गव ने जितेंद्र शुक्ला से कहा कि निगम कर्मचारियों की पीएफ राशि जमा नहीं होने पर ईपीएफओ ने 21 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। उन्होंने एक ठेकेदार को 147 करोड़ रुपए का अग्रिम भुगतान करने की बात कहते हुए सबूत देने की बात भी कही। इसके बाद विपक्ष भी सत्ता पक्ष पर हमलावर हो गया। सभी अध्यक्ष की आसंदी के सामने आ गए। उन्होंने इसे बड़ा भ्रष्टाचार बताया।

 

भ्रष्टाचार की बात पर सदस्य शुक्ला ने जवाब देते हुए कहा, '147 करोड़ रुपए का कोई भुगतान नहीं हुआ, सब भ्रामक है।' इस पर भार्गव ने कहा, 'यदि मेरा कथन गलत है तो मुझ पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए।' करीब 30 आधा घंटे तक बहस होती रही।

नगर निगम परिषद बैठक की शुरुआत भी हंगामे से हुई। विपक्ष के पार्षद बैठक में आवारा कुत्तों के मुद्दे पर चर्चा करना चाह रहे थे। उन्होंने अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी की आसंदी घेर ली। कांग्रेस पार्षदों ने महापौर पर भेदभाव का आरोप लगाया। पटाखा फैक्ट्री से जुड़े सवाल पर महापौर के मौखिक जवाब नहीं देने पर कांग्रेस पार्षद 20 मिनट जमीन पर बैठे रहे।

काफी देर चले हंगामे के बाद प्रश्नोत्तर का समय शुरू हुआ।इस दौरान कांग्रेस पार्षद योगेंद्र सिंह गुड्डू चौहान ने तालाब में सीवेज मिलने संबंधित छठा सवाल पूछा। कांग्रेस पार्षद जितेंद्र सिंह राजपूत ने सातवां सवाल गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र के वार्डों में हाईमास्ट को लेकर पूछा। आठवां प्रश्न भाजपा पार्षद प्रताप वारे ने लगाया। उन्होंने पूछा कि वार्ड- 53 गायत्री विहार में बिल्डर ने ईडब्ल्यूएस निर्माण की परमिशन दी गई। पार्षद रविंद कुमार ने नौवां प्रश्न पूछा, निगम में कम्प्यूटर शाखा से कितने कम्प्यूटर बंद-चालू हालत में हैं? 10वां प्रश्न पार्षद साद ने लगाया। हालांकि, वे सदन में मौजूद नहीं थीं। एमआईसी सदस्य यती ने इस पर आपत्ति ली। हालांकि, नेता प्रतिपक्ष जकी ने कहा कि पार्षद की तबीयत खराब हो गई थी। इसलिए वे रास्ते से लौट गईं। पांचवां सवाल भी पार्षद शिरीन ने लगाया। कहा कि शहर में बीसीएलएल की कितनी बसें चलाई जा रही हैं और कितनी बार उनका मेंटेनेंस हो चुका है, इसमें कितने रुपए खर्च हु हैं? एमआईसी मेंबर मनोज राठौर ने इसका जवाब देते हुए कहा, 'शहर में कुल 368 बसे चलाई जा रही हैं। इसका संचालन, मेंटेनेंस आपरेट कार्य बस आपरेटर कंपनी ही करती है। निगम कोई व्यय नहीं करती है।'

चौथा सवाल शिरीन खान ने लगाया। उन्होंने पूछा कि निगम के अंतर्गत कितनी आनलाइन और आफलाइन बिल्डिंग परमिशन दी गई है। क्या नियमों का पालन किया गया? एमआईसी मेंबर आनंद अग्रवाल ने बताया, 'यह प्रश्न पूर्व में भी लग चुका है और इसका उत्तर भी दे चुके हैं। यह सवाल वापस क्यों लगाया गया?

शिरीन ने कहा, 'मैंने पहले यह प्रश्न नहीं लगाया है।' इस पर अध्यक्ष सूर्यवंशी ने संक्षिप्त में जवाब देने को कहा। इसके बाद एमआईसी सदस्य ने जवाब देना शुरू किया। कहा कि नियमानुसार ही परमिशन देते हैं। फिर निरीक्ष भी करते हैं।

नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने शहर की झील का मुद्दा उठाया

नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने तीसरा सवाल करते हुए शहर की झील का मुद्दा उठाया। एमआईसी सदस्य रविंद्र यती ने जवाब में कहा, 'इसी सवाल का पहले भी लिखित और मौखिक में 28 जुलाई 2023 को जवाब दे चुके हैं। बार-बार एक ही सवाल क्यों लगाया जाता है? इस पर जकी ने कहा, 'पहले सवाल आडिट से जुड़ा था। अभी झील संरक्षण को लेकर प्रश्न लगाया है।' इस पर यती ने कहा, 'झीलों के संरक्षण, सुंदरीकरण के लिए 62.50 करोड़ रुपए की लागत से डीपीआर बनाई गई है, जो अभी विचारानार्थ है।

ननि परिषद की बैठक में आज महापौर मालती राय ने अंतरिम बजट पेश किया। इस दौरान विपक्षी पार्षदों ने जमकर हंगामा किया और काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। विपक्ष के हंगामे के बीच महापौर मालती राय ने अंतरिम बजट पढ़ना जारी रखा।


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