भोपाल, (राज्य ब्यूरो)। वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही (एक अप्रैल से 31 जुलाई) के लिए एक लाख 45 हजार 229 करोड़ राशि का अंतरिम बजट (लेखानुदान) मंगलवार को विधानसभा में पारित हो गया। हालांकि, पूरे वित्तीय वर्ष का कुल बजट तीन लाख 48 हजार 986 करोड़ रुपये होगा।
इसके पहले पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने अंतरिम बजट पर सदन में चर्चा की। विपक्ष ने आदिवासी क्षेत्रों की अवहेलना, लाडली बहना योजना में राशि नहीं बढ़ाने, अकाल राहत निधि का प्रविधान नहीं करने की बात उठाई। साथ ही कई मदों पर कम राशि रखे जाने का मुद्दा उठाया।
आखिर में चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि अभी सिर्फ चार माह के लिए राशि का प्रविधान किया गया है। कोई नई योजना शुरू नहीं की गई है। सदस्यों ने जो सुझाव दिया है, उसे जुलाई में आने वाले मुख्य बजट में समाहित करने की कोशिश करेंगे।
अंतरिम बजट पारित होने के पहले देवड़ा ने हर विभाग के लिए प्रस्तावित राशि का जिक्र भी किया। उन्होंने बताया कि प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय एक लाख 40 हजार और राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 15 लाख 13 हजार 720 करोड़ रुपये हो गया है। अंतरिम बजट पारित होने के बाद सदस्यों ने शून्य काल की सूचनाएं पढ़ीं।
इसमें सीताशरण शर्मा ने प्रदेश भर में नर्मदा नदी के किनारे यहां-वहां रखी और बिखरी मूर्तियों और पुरातात्विक महत्व की अन्य चीजों को संग्रहालय बनाकर सुरक्षित करने की मांग की। इसके बाद सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
अधिकारियों से कहें, वे ज्यादा अंग्रेजी न बोलें
लेखानुदान पर चर्चा के दौरान डिंडोरी से कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने कहा कि देश के अंदर जनता के हित का बजट आना चाहिए, न कि कॉरपोरेट घराने का। हमारी नौकरशाही को जनता से कोई लेना-देना नहीं है। ये मंत्रालय में एसी में बैठते हैं
इनसे अधिक बात करो तो अंग्रेजी में बोलने लगते हैं। वित्त मंत्री जी, कम से कम अपने विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करें कि वह ज्यादा अंग्रेजी न बोले। भारतीय आदिवासी पार्टी के कमलेश्वर डोडियार ने कहा कि आदिम जाति मंत्रणा परिषद की पांच वर्ष में प्रदेश में मात्र दो बैठके हुईं। इनमें हुए निर्णयों का परिपालन नहीं हु
रावत का लाड़ली बहना की राशि बढ़ाने का संशोध
प्रस्ताव वापस अंतरिम बजट पारित होने के पहले कांग्रेस के रामनिवास रावत ने संशोधन प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इसमें उन्होंने विमानन समेत कई विभागों की प्रस्तावित राशि कम कर लाड़ली बहला हो प्रतिमाह तीन हजार रुपये और गेहूं का समर्थन मूल्य 2700 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग क
इस पर संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल और डॉ. सीताशरण शर्मा ने कहा कि संशोधन प्रस्ताव में राशि कम करने का प्रस्ताव लाया जा सकता है, बढ़ाने का नहीं। इसके बाद उन्होंने अपना प्रस्ताव वापस ले लिया।