रमेश चंद्रा, नैनीताल। Surya Grahan 2024: भारतीय विज्ञानी जमीन के साथ आसमान के सूर्यग्रहण की जांच और परख करेंगे। ऐसा पहली बार होगा। 8 अप्रैल (सोमवार) को साल का पूर्ण सूर्य ग्रहण लगेगा। देश के सौर विज्ञानियों की निगाहें दूरबीनों के साथ सूर्य ग्रहण पर होगी। आदित्य एल-1 सूरज के और नजदीक से ग्रहण की स्टडी करेगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए देश के विज्ञानी और इंजीनियर इसके अध्ययन के लिए मैक्सिको गए हैं।
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान, नैनीताल के निदेश और आदित्य एल-1 साइट ग्रुव कमेटी व आउटरीच विभाग के सह अध्यक्ष प्रोफेसर दीपांकर बनर्जी ने बताया कि इस बार पूर्ण सूर्यग्रहण कई मायनों में स्पेशल होगा। ग्रहण के दौरान सूरज की अनसुलझी गुत्थियां सुलझ सकती है। उन्होंने कहा, 'आदित्य एल-1 सूर्य के करीब होगा। ऐसे में ग्रहण की तस्वीरों को हम तक पहुंचाएगा।' प्रो. बनर्जी के अलावा सौर विज्ञानी डॉ. एस कृष्णा प्रसाद, इंजीनियर टीएस कुमार टेक्सास और पूर्व विज्ञानी आरसी कपूर सूर्य ग्रहण का अध्ययन करेंगे।
सूर्य ग्रहण की अवधि चार मिनट 27 सेकंड की होगी। भारतीय विज्ञानियों को आदित्य एल-1 द्वारा खींची गई तस्वीरों का इंतजार रहेगा। ये फोटोज दुनियाभर के सौर विज्ञानिकों के लिए स्टेडी में मददगार साबित होगी। इस सूर्य ग्रहण को ग्रेट नार्थ अमेरिकन टोटल सोलर एक्लिप्स नाम दिया गया। ग्रहण उत्तर यूएस से शुरू होगा।
सौर विज्ञानी वहाबउद्दीन के अनुसार, मैक्सिको में सूर्यग्रहण की अधिकतम अवधि चार मिनट 27 सेकेंड रहेगी। ग्रहण का अधिकांश हिस्सा आबादी वाले शहरों की भूमि पर पड़ेगा, जो यूएस और कनाडा से गुजरता है। इससे पहले 2009 में डॉ वहाबउद्दीन पूर्ण सूर्यग्रहण का अध्ययन करने चीन गए थे।
भारतीय तारा भौतिकी संस्थान बेंगलुरु के पूर्व विज्ञानी आरसी कपूर ने बताया कि भारतीय समय के अनुसार सोमवार रात 9 बजकर 12 बजे ग्रहण शुरू होगा और 9 अप्रैल को मध्यरात्रि 2 बजकर 22 बजे तक रहेगा।