ताजा अंतरिक्ष मौसम पूर्वामुमान के मुताबिक, अब वह असंभव लगता है जितने विशाल और ऊर्जा वाले कोरोना की उम्मीद थी। लेकिन एक्सपर्ट्स ने कहा है कि समग्रता के पथ पर यह किसी भी अन्य सूर्य ग्रहण की जगह अधिक प्रभावशाली नजर आना चाहिए। सौर चक्र 11 वर्षों का होता है।
चक्र के दौरान सौर गतिविधियां कम से ज्यादा की ओर जाती हैं और फिर कम होती हैं। इसी तरह यह चक्र चलता रहता है। इस दौरान सूर्य अपनी गतिविधि के चरम पर है, जिसे सोलर मैक्सिमम कहा जाता है। सौर गतिविधियों के चरम पर होने की वजह से काले सनस्पॉट सूर्य की सतह पर फैल जाते हैं, जिनमें से अक्सर शक्तिशाली तूफान निकलते ह
अचानक सूर्य को क्या हुआ?
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि सोलर मैक्सिमम का चरण पूर्वानुमान से एक साल पहले ही शुरू हो गया है, लेकिन जब तक पूरी तरह खत्म नहीं होता है, तब तक हम कुछ नहीं कहा जा सकता है। बीते दो महीनों से सौर गतिविधियां बहुत अधिक बढ़ी हुई थीं। सूर्य पर विशाल सनस्पॉट थे जिनसे लगातार एक्स श्रेणी की सौर लपटें निकल रही थीं। यह सबसे शक्तिशाली सौर विस्फोट होते हैं।
23 मार्च को प्लाज्मा और रेडिएशन का एक बादल पृथ्वी से टकराया, जिसे कोरोनल मास इजेक्शन (CME) कहा जाता है। यह पृथ्वी पर छह साल का सबसे बड़ा सौर तूफान था। लेकिन अब सूर्य में पृथ्वी की ओर कुछ ही एक्टिव सनस्पॉट हैं। यह भी बहुत छोटे हैं। इसमें से ग्रहण के समय बेहद कम सौर ज्वाला निकलने की संभावना है।