धार में भोजशाला (Bhojshala ASI Survey) में बुधवार को सर्वे के 20वें दिन एएसआइ टीम ने न सिर्फ खोदाई जारी रखी बल्कि अकल कुई यानी कूप का लगातार तीसरे दिन सर्वे किया। बता दें वाराणसी में ज्ञानवापी की तरह अकल कुई भी एक महत्वपूर्ण व प्राचीन स्थान है। वर्षों पुरानी मान्यता के अनुसार इसका पानी पीने से व्यक्ति की बुद्धि कुशाग्र होती है इसलिए इसे अकल कुई कहा जाता है।
जेएनएन, धार। मप्र के धार में भोजशाला में बुधवार को सर्वे के 20वें दिन एएसआइ टीम ने न सिर्फ खोदाई जारी रखी, बल्कि अकल कुई यानी कूप का लगातार तीसरे दिन सर्वे किया। वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराई। अब तक खोदाई में मिले अवशेषों पर मार्किंग की गई।
जल्द ही इन अवशेषों को परीक्षण के लिए उच्चस्तरीय लैब में भेजा जाएगा। इससे भोजशाला के कालखंड की जानकारी सामने आने में मदद मिलेगी। उल्लेखनीय है कि एएसआइ को छह सप्ताह में हाई कोर्ट को सर्वे की रिपोर्ट देनी है। समय सीमा के अनुसार 42 दिन में से सर्वे के 20 दिन पूरे हो चुके हैं।
आधा वक्त बीत चुका है, लेकिन सर्वे अभी आधा भी नहीं हो पाया है। समझा जा रहा है कि एएसआइ टीम हाई कोर्ट से सर्वे की अवधि बढ़ाने की मांग कर सकती है। बता दें, वाराणसी में ज्ञानवापी की तरह अकल कुई भी एक महत्वपूर्ण व प्राचीन स्थान है। वर्षों पुरानी मान्यता के अनुसार, इसका पानी पीने से व्यक्ति की बुद्धि कुशाग्र होती है, इसलिए इसे अकल कुई कहा जाता है। आस्थावान लोग यहां से पानी लेकर भी जाते हैं।