Iran-Israel Row: ईरान की नौसेना द्वारा कब्जे में लिए गए जहाज पर 17 भारतीय; सुरक्षित वापसी की कोशिश कर रहा भारत

यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शिव शरण शुक्ला Updated Sat, 13 Apr 2024 07:51 PM IST

India in touch with Iran to secure release of 17 Indians onboard container ship seized by Iranian forces

ईरान के कब्जे वाले इस्राइली जहाज पर 17 भारतीय। - फोटो : अमर उजाला/ @marinetraffic

इस्राइल और ईरान के बीच बढ़े तनाव के बाद पश्चिमी एशिया में एक और युद्ध की सुगबुगाहट तेज हो गई है। इस बीच, ईरान की नौसेना ने इस्राइल के अरबपति इयाल ओफर का मालवाहक जहाज अपने कब्जे में कर लिया है। अब इस जहाज को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि इस जहाज पर सत्रह भारतीय सवार हैं। सूत्रों ने बताया कि जहाज पर मौजूद भारतीयों की सुरक्षित रिहाई के लिए भारत राजधानी दिल्ली और तेहरान में राजनयिक चैनलों के जरिए ईरानी अधिकारियों के संपर्क में है।

इस बीच, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने ब्रिटेन के विदेश सचिव लॉर्ड डेविड कैमरन से बात की है। उन्होंने ट्वीट कर इस बारे में बताया। विदेश मंत्री ने कहा कि वार्ता के दौरान पश्चिम एशिया के वर्तमान हालात और हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की गई।
 
मीडिया रिपोर्ट में यह भी दावा किया जा रहा है कि यह जहाज भारत की ओर आ रहा था और इसमें कुल 25 क्रू मेंबर मौजूद हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक ईरान की नौसेना ने होर्मुज जलडमरूमध्य के पास ओमान की खाड़ी में भारत की ओर आ रहे इस्राइली अरबपति के इस जहाज को अपने कब्जे में लिया। सबसे पहले हेलीकॉप्टर से इस्राइली जहाज पर हमला किया गया और इसके बाद ईरान की नौसेना ने इस पर कब्जा कर लिया। इस जहाज का नाम एमएससी एरीज है और उसे आखिरी बार शुक्रवार को दुबई से होर्मुज की ओर जाते हुए देखा गया था। बताया गया है कि जहाज ने अपना ट्रैकिंग डेटा बंद किया हुआ था। इस्राइल के जहाजों द्वारा इस क्षेत्र से गुजरते समय अक्सर ट्रैकिंग डेटा बंद कर दिया जाता है।

ईरानी नौसेना ने क्यों की ये कार्रवाई
ईरान की नौसेना ने ये कार्रवाई तब की है जब 12 दिन पहले सीरिया में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर इस्राइल की ओर से हमला किया गया था। 1 अप्रैल को युद्धक विमानों से सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर हमला किया गया था। हमले में ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (आईआरजीसी) के अल-कुद्स बल के एक वरिष्ठ कमांडर सहित कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई। ये सभी दमिश्क दूतावास परिसर में एक बैठक में भाग ले रहे थे। हमले का आरोप इस्राइल पर लगाया गया, जिसने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली। इस हमले के बाद से ही ईरान बौखलाया हुआ है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इसकी कड़ी आलोचना की थी और इसे ईरानी धरती पर हुए हमले के बराबर बताया था। उन्होंने यह भी कहा था कि इस्राइल को उसके ऑपरेशन के लिए दंडित किया जाना चाहिए और किया भी जाएगा।

इस्राइल में हमले की भी है चेतावनी
इसके अलावा, अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने भी ईरान द्वारा इस्राइल के भीतर हमले की चेतावनी दी है। खुफिया एजेंसियों ने यह भी कहा है कि इस्राइल के अंदर सैन्य और सरकार से जुड़े कई ठिकानों को ईरान अपना निशाना बना सकता है। अमेरिकी खुफिया आंकलन के हवाले से आई ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट कहती है कि ईरान इस्राइल के अंदर बैलिस्टिक मिसाइलों या ड्रोन का इस्तेमाल करके हमले शुरू कर सकता है। हालांकि, रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं है कि ईरान सीधे कार्रवाई करेगा या अपने प्रॉक्सी नेटवर्क का इस्तेमाल करेगा।

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