जूडा के तय किए काम के घंटे, आठ से बाहर घंटे की होगी ड्यूटी

भोपाल। जूनियर डॉक्टरों द्वारा काम के घंटे को लेकर उठाए गए सवाल के बाद अब जूडा के लिए आठ से बाहर घंटे की ड्यूटी तय कर दी है। यह ड्यूटी रोस्टर सिस्टम के तहत होगी। साथ ही सप्ताह में एक दिन के अवकाश की भी बात कही गइ्र है।
जूनियर डॉक्टरों के लिए 8-12 ड्यूटी घंटे (रोस्टर सिस्टम) तय करने को लेकर गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) के डीन और मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर आमने-सामने हैं। जीएमसी डीन कविता एन सिंह ने कहा कि निवासियों के लिए रोस्टर प्रणाली को अंतिम रूप दे दिया गया है और हमने छात्रों के लिए 8 से 12 घंटे की ड्यूटी और साप्ताहिक छुट्टी तय की है। इससे दबाव कम होगा और स्वस्थ कार्य संस्कृति विकसित होगी। वहीं जेयूडीए के महासचिव डॉ. कुलदीप गुप्ता ने कहा कि  ’कॉलेज काउंसिल की बैठक में जीएमसी डीन ने पीजी छात्रों के लिए ड्यूटी का समय 8-12 बजे तक तय किया है। जूनियर डॉक्टरों को भी साप्ताहिक अवकाश मिलेगा। यह कहते हुए कि यह कमांडो प्रशिक्षण की तरह ही जूनियर डॉक्टरों के लिए प्रशिक्षण है।
मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ राकेश मालवीय ने कहा कि हमारा चिकित्सा प्रशिक्षण मरीजों की जान बचाने के लिए है, न कि केवल कर्तव्य निभाने के लिए। इसलिए 8-12 घंटे की ड्यूटी शायद ही मायने रखती है  जूनियर डॉक्टरों को इस कठिन तथ्य को स्वीकार करना चाहिए कि यदि वे पूर्ण डॉक्टर (सलाहकार) बनना चाहते हैं, तो उन्हें मरीजों की जान बचाने के लिए कमांडो की तरह मानसिक रूप से तैयार रहना चाहिए।
गौरतलब है कि बीते दिनों एक गुमनाम पत्र के जरिए जूडा ने काम के घंटों को लेकर सवाल उठाए थे। जूडा ने पत्र में खुदकुशी करने की बात तक कही थी। इसके बाद जूडा के काम के घंटे तय करने की कवायद की गई है।

 

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