मध्य प्रदेश में पिछले चुनाव में भाजपा को मिले थे 58 प्रतिशत मत, इस बार कई सीटों में इतना मतदान ही नहीं

मध्य प्रदेश में चार बार से लगातार घट रहा लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत का अंतर फिर बढ़ा।

By Prashant Pandey Edited By: Prashant Pandey Publish Date: Sat, 27 Apr 2024 09:42 PM (IST) Updated Date: Sat, 27 Apr 2024 09:47 PM (IST

HighLights

  1. दो चरणों में 17 लोकसभा सीटों पर मतदान अभी सात और 13 मई को होना है।
  2. भाजपा ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए बूथ संपर्क अभियान से लेकर कई प्रयास किए।
  3. कांग्रेस ने भी बूथ स्तरीय टोली के माध्यम से मतदाताओं को निकालने का प्रयास किया।

Madhya Pradesh Lok Sabha Election 2024: राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। लोकसभा चुनाव में पिछली दो बार से लगभग 10 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा मतदान इस बार घटने से सभी की चिंता बढ़ गई है। भाजपा को वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 58 प्रतिशत मत मिले थे, पर इस बार कई सीटों पर मतदान इतना भी नहीं पहुंच पा रहा है।

भाजपा ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए बूथ संपर्क अभियान से लेकर कई प्रयास किए। कांग्रेस ने भी बूथ स्तरीय टोली के माध्यम से मतदाताओं को निकालने का प्रयास किया, पर सफल नहीं हुए। उधर, विधानसभा और लोकसभा चुनाव के बीच मतदान का अंतर पिछले चार चुनावों में लगातार कम होते हुए वर्ष 2019 में 4.47 तक पहुंच गया था जो इस बार लगभग 15 प्रतिशत हो गया है।

पिछले लोकसभा चुनाव में 58 प्रतिशत मत पाकर उत्साहित भाजपा ने इस चुनाव में हर बूथ पर 65 प्रतिशत तक वोट पाने का लक्ष्य रखा था। इसके अनुरूप प्रयास भी किए। बूथ पर हर कार्यकर्ता को सुबह छह मतदाताओं को प्रेरित कर मतदान केंद्र तक ले जाने की जिम्मेदारी दी गई। पन्ना प्रमुख और पेज प्रमुख को भी मतदान बढ़ाने का दायित्व दिया गया। हर बूथ पर 370 मत बढ़ाने का लक्ष्य रखा। बावजूद इसके मत प्रतिशत बढ़ा नहीं बल्कि बहुत ज्यादा गिरा।

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इसी कारण प्रदेश के दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मतदान बढ़ाने के लिए प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व और आमजन को कहा है। उधर, कांग्रेस भी अपने कार्यकर्ताओं को अधिक से अधिक मतदान कराने के लिए कह रही है। जनसभाओं में मतदाताओं से भी वह अधिक से अधिक मतदान की अपील कर रहे हैं। दो चरणों में 17 लोकसभा सीटों पर मतदान अभी सात और 13 मई को होना है। देखना होगा यह प्रयास कितने कारगर हुए।

इस तरह घटा था मत प्रतिशत का अंतर

विधानसभा चुनाव 2023 और लोकसभा चुनाव 2024 (पहले दो चरण) में अंतर--14.65 प्रतिशत

विधानसभा चुनाव 2018 और लोकसभा चुनाव 2019 में अंतर--4.47 प्रतिशत

विधानसभा चुनाव 2013 और लोकसभा चुनाव 2014 में अंतर --10.53 प्रतिशत

विधानसभा चुनाव 2008 और लोकसभा चुनाव 2009 में अंतर --18.62 प्रतिशत

विधानसभा चुनाव 2003 और लोकसभा चुनाव 2004 में अंतर --19.16 प्रतिशत

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी और भाजपा के बूथ सशक्तीकरण के बलबूते पर भाजपा लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल करेगी। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के नकारा नेतृत्व और नीतियों के कारण उनके मतदाताओं और कार्यकर्ताओं में निराशा है। अधिकतर जगह कांग्रेस ने अलोकप्रिय प्रत्याशी दिए हैं। ऐसे में जो मत प्रतिशत कम हुआ है उसका अधिकतर भाग कांग्रेस और विपक्षी दलों का है। - आशीष अग्रवाल, प्रदेश मीडिया प्रभारी, भाजपा

महत्वपूर्ण यह है कि लोकसभा चुनाव जैसे लोकतांत्रिक यज्ञ में आमजन की अरुचि क्यों है। क्या राजनीतिक दलों और नेताओं से मतदाताओं का विश्वास उठ रहा है। भाजपा यदि इस दावे पर संकल्पित है कि मत प्रतिशत की गिरावट में ज्यादा हिस्सा कांग्रेस का है तो वह बताएं कि उनके शीर्ष नेताओं द्वारा हर बूथ पर 370 मत बढ़ाने के प्रयासों का क्या हुआ। सुबह छह बजे मतदाताओं को जगाने वाले कार्यकर्ता, पन्ना प्रमुख कहां गए। न खुद उठे न मतदाताओं को उठा सके। - केके मिश्रा, मीडिया सलाहकार, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष


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