कांग्रेस नेत्री सरला मिश्रा की मौत की फाइल दोबारा खुलेगी

राजनीतिक हलचल हुई तेज, बढ़ सकती है पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की मुसीबत
भोपाल। राजधानी भोपाल में 28 साल पुराने कांग्रेस नेत्री सरला मिश्रा कांड की फाइल एक बार फिर से खुलने जा रही है। राजधानी की स्थानीय अदालत ने इस बहुचर्चित मामले में दोबारा जांच के आदेश दिए हैं। इस फैसले से न केवल परिजनों में न्याय की उम्मीद जगी है, बल्कि प्रदेश की राजनीति में भी हलचल तेज हो गई है, क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह पर फिर से सवाल उठने लगे हैं।
1997 में कांग्रेस नेत्री सरला मिश्रा की जलने से हुई संदिग्ध मौत का मामला अब एक बार फिर से सुर्खियों में है। 28 साल बाद, इस घटना की फाइल को फिर से खोला जाएगा। पुलिस ने 27 मार्च 2000 को अपनी खात्मा रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें यह तर्क दिया गया था कि मृतका ने मौत से पहले दिए गए बयानों में किसी को भी घटना का जिम्मेदार नहीं ठहराया था। मगर अब सरला मिश्रा के भाई अनुराग मिश्रा की याचिका पर अदालत ने इस प्रकरण की दोबारा जांच के आदेश दिए हैं।
सरला मिश्रा के भाई, अनुराग मिश्रा, ने न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की है, जिसमें उन्होंने मामले की विवेचना में खामियों और कुछ प्रमाणों का उल्लेख किया है। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, भोपाल, पलक राय ने फरियादी की प्रोटेस्ट पिटीशन को स्वीकार करते हुए थाना टीटी नगर के थाना प्रभारी को आदेशित किया है कि वह इस अपराध के संबंध में अग्रिम विवेचना करें और संपूर्ण विवेचना के बाद संबंधित अंतिम प्रतिवेदन न्यायालय में प्रस्तुत करें।
सरला मिश्रा कांड का घटनाक्रम
14 फरवरी 1997 को होशंगाबाद निवासी कांग्रेस नेत्री सरला मिश्रा राजधानी के टीटी नगर थाना क्षेत्र के एक मकान में संदिग्ध परिस्थितियों में जली अवस्था में मिली थीं। उन्हें पहले भोपाल के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, फिर उन्हें दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल भेजा गया, जहां 19 फरवरी 1997 को उनका निधन हो गया। सरला की मौत को उनके परिजनों ने हत्या बताते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी। भाजपा ने भी इस मामले में लगातार प्रदर्शन किया था। इसके बाद मध्य प्रदेश के तत्कालीन गृहमंत्री चरणदास महंत ने सीबीआई जांच की घोषणा की थी, लेकिन जांच का नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ। उच्च न्यायालय ने 31 जनवरी 2006 को परिवार द्वारा दायर सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था।
भाई अनुराग मिश्रा ने जारी रखी लड़ाई
सरला के भाई, अनुराग मिश्रा, ने इस मामले में लड़ाई जारी रखी और 2018 में फिर से याचिका दायर की। उन्होंने पुलिस द्वारा सही से जांच न किए जाने के तथ्य को उजागर कर सीबीआई जांच की मांग की। पिछली सुनवाई में भोपाल पुलिस आयुक्त ने न्यायालय में पेश होकर बताया कि इस मामले में खात्मा रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत की जा चुकी है।  अब, इस मामले की फिर से विवेचना होने से उम्मीद की जा रही है कि न्यायालय को नई जानकारी और तथ्य मिल सकेंगे, जिससे मामले की जड़ में पहुंचा जा सकेगा।


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