देश 2026 तक नक्सलवाद से हो जाएगा मुक्त : शाह

सीआरपीएफ के जवान इस प्रण को पूरा करने में निभाएंगे महत्वपूर्ण भूमिका
भोपाल। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि वर्ष 2026 तक देश नक्सलवाद से मुक्त होगा। इस प्रण को पूरा करने में सीआरपीएफ की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। सीआरपीएफ ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न कराए। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक जहां जरूरत होती है, सीआरपीएफ के जवान सदैव कर्तव्य पथ पर तत्पर रहते हैं। देश का जब भी स्वर्णिम इतिहास लिखा जाएगा, उसमें सीआरपीएफ के शहीदों के नाम स्वर्ण अक्षरों से लिखे जाएंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री  शाह गुरुवार को नीमच स्थित सीआरपीएफ के ग्रुप सेंटर में सीआरपीएफ के 86वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, जिले की प्रभारी मंत्री  निर्मला भूरिया, सीआरपीएफ के महानिदेशक ज्ञानेन्द्र प्रताप सिह उपस्थित थे। केंद्रीय मंत्री शाह ने देश की आंतरिक सुरक्षा में सीआरपीएफ के कर्मियों के अदम्य साहस और समर्पण की सराहना की। उन्होंने सीआरपीएफ की आतंकवाद और उग्रवाद विरोधी गतिविधियों, शांति स्थापना के कार्यों में निभाई गई भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि “जहां सीआरपीएफ है, वहां चिंता करने की कोई बात नहीं“। शाह ने केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के शहीद जवानों को नमन करते हुए कहा कि सीमा क्षेत्रों से लेकर अंदरूनी इलाकों तक देश की सुरक्षा में सीआरपीएफ के योगदान को कोई भुला नहीं सकता।
सीआरपीएफ में हो रही महिलाओं की भी भर्ती
शाह ने कहा कि हमारी सरकार द्वारा सीएपीएफ कर्मियों को आयुष्मान कार्ड और आवास योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। सीआरपीएफ में अब महिलाओं की भी भर्ती हो रही है। उनके लिये भी आवास सुविधा विकसित की जा रही है। सीआरपीएफ को आधुनिक बनाए रखने के लिये केन्द्र सरकार की ओर से उत्कृष्ट सुविधा प्रदान की जा रही है। सीआरपीएफ को 2708 वीरता पदक प्राप्त हुए हैं, जो अद्भुत वीरता के परिचालक हैं। आज सीआरपीएफ के 3 लाख जवान देश में कानून-व्यवस्था और शांति स्थापित करने के लिए कार्य कर रहे हैं। देश की संसद पर आतंकी हमले और श्रीराम जन्मभूमि पर हमले जैसी मुश्किल समय में कई बार सीआरपीएफ जवानों ने वीरता का प्रदर्शन करते हुए राष्ट्र की सुरक्षा के लिए सर्वस्व न्यौछावर करते हुए बलिदान दिया।

Leave Comments

Top