अमेरिकी विदेश विभाग ने चेतावनी दी है कि अमेरिकी कानूनों के खिलाफ जाने का प्रयास करने वाले छात्रों को निर्वासन समेत कई गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। बता दें कि, अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता मार्गरेट मैकलियोड ने कहा कि ट्रंप प्रशासन आव्रजन और राष्ट्रीयता अधिनियम और विदेशी पंजीकरण अधिनियम समेत आव्रजन कानूनों को सख्ती से लागू कर रहा है। उन्होंने कई अमेरिकी विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों के सामने आने वाले मुद्दों से संबंधित एक सवाल पर कहा, 'यदि आप कानून का पालन करते हैं, तो अमेरिका अवसर प्रदान करता है। लेकिन जो लोग कानून का उल्लंघन करते हैं, उन्हें परिणाम भुगतने होंगे।'
भारतीय छात्रों पर संकट
हाल ही में कई भारतीय छात्रों को अमेरिकी अधिकारियों से वीजा को लेकर चेतावनी भरे ईमेल और नोटिस मिले हैं। इनमें से कुछ छात्रों ने फलस्तीन समर्थक प्रदर्शनों में भाग लिया था, जबकि कुछ मामूली कानूनी उल्लंघनों में शामिल थे। इसके कारण कई छात्रों के एफ-1 स्टूडेंट वीजा रद्द किए गए हैं और उन्हें देश छोड़ने का नोटिस मिला है। वहीं इस पर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को कहा, 'हमें पता है कि कई भारतीय छात्रों को अमेरिकी सरकार से उनके एफ-1 वीजा को लेकर नोटिस मिले हैं। हमारी एम्बेसी और वाणिज्य दूतावास उनके संपर्क में हैं और उन्हें हर संभव सहायता दी जा रही है। 'कानून का पालन जरूरी
हालांकि मैक्लियोड ने किसी खास केस का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने बार-बार इस बात पर जोर दिया कि अमेरिकी वीजा नियमों और कानूनों का पालन जरूरी है। अगर कोई इनका उल्लंघन करता है, तो उसे सख्त सजा भुगतनी पड़ेगी। मैक्लियोड ने कहा, 'जो लोग अमेरिका में गैरकानूनी तरीके से रह रहे हैं, खासकर भारतीय परिवारों के रिश्तेदार, वे स्वेच्छा से अपने देश लौट सकते हैं। अगर वे खुद नहीं लौटे तो उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।' उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसे लोग होमलैंड सिक्योरिटी विभाग या सीबीपी ऐप के जरिए अपने देश लौटने की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
भारतीय छात्रों की संख्या में वृद्धि, लेकिन वीजा में गिरावट
शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में 3.3 लाख से अधिक भारतीय छात्र अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हैं। यह संख्या पिछले वर्ष की तुलना में 23% अधिक है और भारत अमेरिका में सबसे ज्यादा छात्रों वाला देश बन गया है। लेकिन फरवरी 2025 में, जब ट्रंप प्रशासन का दूसरा कार्यकाल शुरू हुआ, भारतीय छात्रों को दिए गए वीजा की संख्या में 30% की गिरावट दर्ज की गई।