MP News: सीएम डॉ. यादव बोले- जलगंगा संवर्धन अभियान बने जनआंदोलन, श्रेष्ठ कार्य करने वाले जिलों को मिलेगा पुरस्कार

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Sat, 19 Apr 2025 08:58 PM IST

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को जलगंगा संवर्धन अभियान की समीक्षा करते हुए इसे प्रदेशव्यापी जनआंदोलन का स्वरूप देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जल स्रोतों की स्वच्छता, संरक्षण और पुनर्जीवन के प्रयासों में आम जनता और जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी ज़रूरी है। 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को जलगंगा संवर्धन अभियान की गतिविधियों की समीक्षा करते हुए इसे जनआंदोलन का रूप देने की बात कही। उन्होंने कहा कि जल स्रोतों की स्वच्छता, संरक्षण और पुनर्जीवन के कार्यों में नागरिकों और जनप्रतिनिधियों की भागीदारी बेहद आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने अभियान में नवाचार और सक्रियता से कार्य कर रहे जिलों की सराहना करते हुए घोषणा की कि श्रेष्ठ कार्य करने वाले जिलों को पुरस्कृत किया जाएगा। तीन महीने चलने वाले इस अभियान के तहत अब तक प्रदेश में 1.06 लाख जलदूत तैयार किए गए हैं, जो जन-जागरूकता का कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि वे स्वयं जिलों में जाकर अभियान के कार्यों का निरीक्षण करेंगे। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि प्राचीन जल संरचनाओं की सूची बनाकर उन्हें सहेजने और स्वच्छता से जोड़ने का कार्य किया जाए। विशेष रूप से भोपाल, उज्जैन, सागर और जबलपुर की प्राचीन बावड़ियों का संरक्षण अभियान में शामिल किया जाएगा।खेत तालाब योजना में बालाघाट अव्वल                                                                                                           बैठक  में जानकारी दी गई कि बालाघाट जिले में सर्वाधिक 561 खेत तालाब बनाए गए हैं, जिससे वह प्रदेश में पहले स्थान पर है। अनूपपुर जिले में 275 और अलीराजपुर में 216 तालाब बनाकर वे क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। वहीं अमृत सरोवर निर्माण के क्षेत्र में सिवनी जिले ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है।                                         जिलों में हो रहे नवाचार और प्रयास

मुख्यमंत्री ने जिलों से जुड़कर वहां हो रहे कार्यों की जानकारी प्राप्त की। भोपाल में कलियासोत नदी और बैरसिया क्षेत्र के प्राचीन जल स्रोतों का स्वच्छता कार्य किया जा रहा है। रायसेन में बेतवा नदी के उद्गम स्थल पर बंधान बनाए जा रहे हैं। टीकमगढ़ में 70 तालाबों और 10 बावड़ियों से अतिक्रमण हटाया गया है। वहीं ग्वालियर में व्यापारी संघ ने प्याऊ और शरबत वितरण की व्यवस्था की है।                                                                                 मुख्यमंत्री ने दिए महत्वपूर्ण निर्देश
- प्राचीन जल संरचनाओं को पुनर्जीवित और उपयोगी बनाया जाए।
- स्थापत्य दृष्टि से महत्वपूर्ण बावड़ियों का दस्तावेजीकरण किया जाए।
- अमृत सरोवर और खेत तालाब योजना के लक्ष्य पूरे किए जाएं।
- जलदूतों और जनप्रतिनिधियों की भागीदारी बढ़ाई जाए।
- नदियों को जोड़ने की संभावनाएं तलाशी जाएं।
- वन क्षेत्रों में पशुओं के लिए जल प्रबंध हों।
- शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक प्याऊ प्रारंभ की जाएं।
- कम पानी की फसलों को प्रोत्साहित किया जाए।

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