Defence Pact: भारत और इस्राइल का बड़ा रक्षा समझौता, मिलकर विकसित करेंगे हथियार प्रणालियां और सैन्य उपकरण

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली। Published by: निर्मल कांत Updated Tue, 04 Nov 2025 09:42 PM IST

Defence Pact: भारत और इस्राइल ने उन्नत तकनीक साझा करने और मिलकर रक्षा उपकरण बनाने के लिए बड़ा समझौता किया। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह दोनों देशों के रणनीतिक और रक्षा संबंधों को और मजबूत करेगा। समझौते में विज्ञान, तकनीक, एआई, साइबर सुरक्षा और रक्षा उद्योग में सहयोग पर जोर दिया गया है।

भारत और इस्राइल ने मंगलवार को एक बड़ा रक्षा समझौता किया, जिसके तहत दोनों देशों के बीच उन्नत तकनीकों को साझा करने, मिलकर हथियार प्रणालियां और सैन्य उपकरण विकसित व तैयार करने का रास्ता खुलेगा। यह दोनों देशों के रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। रक्षा सहयोग के लिए इस समझौते (एमओयू) पर तेल अवीव में भारत-इस्राइल रक्षा सहयोग की संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) की बैठक के बाद हस्ताक्षर किए गए। रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी।                                   दोनों पक्षों ने सहयोग के क्षेत्रों की पहचान की 

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि यह समझौता दोनों देशों के बीच पहले से मजबूत रक्षा संबंधों को और गहरा करने के लिए एक समान दृष्टिकोण और नीति को दिशा देने के मकसद से किया गया है। मंत्रालय ने कहा, भारत-इस्राइल की रक्षा साझेदारी लंबे समय से चली आ रही है, जो आपसी भरोसे और साझा सुरक्षा हितों पर आधारित है। समझौते में सहयोग के कई क्षेत्रों की पहचान की गई है, जिनसे दोनों देशों को फायदा होगा।                                                                                                                                                                                              रक्षा उत्पादों के संयुक्त विकास और निर्माण को बढ़ावा मिलेगा: रक्षा मंत्रालय
मंत्रालय के मुताबिक, महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आपसी रणनीतिक वार्तालाप, प्रशिक्षण, रक्षा उद्योग में सहयोग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और विकास, तकनीकी नवाचार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और साइबर सुरक्षा जैसे विषय शामिल हैं। मंत्रालय ने कहा कि यह समझौता उन्नत तकनीकों के आदान-प्रदान को संभव बनाएगा और साथ में रक्षा उत्पादों के संयुक्त विकास और निर्माण को बढ़ावा देगा। संयुक्त कार्य समूह ने मौजूदा रक्षा सहयोग की परियोजनाओं की समीक्षा की और माना कि दोनों देशों को एक-दूसरे की शक्तियों से लाभ मिला है। मंत्रालय ने बताया कि दोनों पक्षों ने भविष्य में तकनीकी सहयोग और संचालन क्षमता बढ़ाने के संभावित क्षेत्रों पर चर्चा की। उन्होंने आतंकवाद जैसी साझा चुनौतियों पर भी विचार किया और इस खतरे से मिलकर लड़ने के अपने संकल्प को दोहराया।

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