एमपी : सीएम मोहन यादव का ऐलान, विश्व कप जीतने पर क्रांति गौड़ को 1 करोड़ रुपए देगी सरकार

भोपाल. वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय महिला टीम की क्रांति गौड़ को एमपी सरकार एक करोड़ रुपए देगी. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार 3 नवम्बर को इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा- प्रदेश की बेटियों और देश की बेटियों ने जिस तरह से भारत और दक्षिण अफ्रीका के फाइनल में धूम मचाई है, उसके लिए मैं सबको बधाई देता हूं. छतरपुर की बेटी ने मान बढ़ाया है. मैं उम्मीद करता हूं कि सभी खेलों में एमपी के युवा खिलाडिय़ों की भूमिका इसी तरह से रहेगी. भविष्य में भी राज्य सरकार खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित करती रहेगी.

दो कमरे के सरकारी मकान में रहता है परिवार

क्रांति के पिता मुन्ना सिंह पुलिस विभाग में प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्थ थे. साल 2011 से सस्पेंड चल रहे हैं. उनका खुद का कोई मकान नहीं है, न ही खेती की जमीन है. क्रांति का परिवार घुवारा गांव की पुलिस चौकी के सामने दो कमरे के पुलिस क्वार्टर में रहता है. परिवार में मां नीलम और 5 भाई-बहनें हैं. क्रांति घर में सबसे छोटी हैं.

क्रिकेट करियर को आगे बढ़ाने में भाई ने की मदद

क्रांति ने अपने एक पुराने इंटरव्यू में बताया था कि उनकी आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर थी. कई बार ऐसे हालात तक बने कि घर में खाने को नहीं होता था. बड़ा भाई मयंक दिल्ली की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम करने लगा. इसके बाद घर के हालात थोड़ा सामान्य हुए. क्रिकेट करियर को आगे बढ़ाने, किट के लेकर तमाम छोटी-मोटी जरूरतों को भाई ने ही पूरा किया. यही नहीं, क्रांति के करियर के लिए उनकी मां ने अपने गहने तक बेच दिए.

आठ साल की उम्र से खेल रहीं क्रिकेट

क्रांति के घर के सामने एक मैदान है, जहां उन्होंने अपने गांव के लड़कों के साथ आठ साल की उम्र से ही टेनिस बॉल से क्रिकेट खेलना शुरू किया था. घर के सामने मैदान में अभी भी एक सीमेंटेड पिच बनी हुई है. बिजली के खंभे का एक टूटा हिस्सा स्टम्प बना हुआ है.

गांव में हर चौके-छक्के और विकेट पर आतिशबाजी

क्रांति के घर के सामने एक छोटी एलईडी टीवी लगाकर परिजनों और पड़ोसियों ने पूरा मैच देखा. इंडिया टीम की बैटिंग के दौरान हर चौके-छक्के पर और बॉलिंग के दौरान हर विकेट पर आतिशबाजी की गई. ग्रामीणों ने नाच गाकर पूरे उत्साह के साथ मैच का आनंद लिया.

क्रांति ने कहा- हमने जो सपना देखा, वो बहुत जल्द पूरा हुआ

गांव वालों ने मैच खत्म होने के 10 ओवर पहले से ही टीम इंडिया की जीत का जश्न मनाना शुरू कर दिया था. रात 12.40 बजे जीत के बाद पूरा गांव भारत माता की जय और चक दे इंडिया के नारों से गूंज उठा. क्रांति के परिजनों और गांव वालों ने रात भर जीत का जश्न मनाया. सुबह क्रांति ने मां और परिजनों से वीडियो कॉल पर बात की. परिजनों ने उन्हें जीत की बधाई दी. क्रांति ने कहा कि हमने जो सपना देखा था, वो बहुत जल्द पूरा हो गया.


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