राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। किसानों को एक दिन में दस घंटे से अधिक बिजली की आपूर्ति होने पर संबंधित ऑपरेटर सहित अधिकारियों का वेतन काटने के आदेश पर मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने बुधवार को रोक लगा दी। उन्होंने इस तरह के मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आदेश पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उलटे-सीधे आदेश निकालने वाले अधिकारी पर कार्रवाई होगी। इसके बाद कंपनी ने महाप्रबंधक एके जैन को हटा दिया।
उल्लेखनीय है कि किसान संगठनों के साथ कांग्रेस ने इस आदेश पर आपत्ति जताते हुए सरकार को किसान विरोध बताया था। प्रदेश में कृषि कार्य के लिए दस घंटे निर्बाध बिजली की आपूर्ति के लिए कृषि फीडर अलग किए गए हैं। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के महाप्रबंधक एके जैन ने तीन नवंबर को भोपाल, बैतूल, सीहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, रायसेन, हरदा, विदिशा, ग्वालियर, अशोकनगर, गुना, भिंड, मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी और दतिया के अधिकारियों को निर्देश दिए कि कृषि फीडर पर दस घंटे से अधिक बिजली की आपूर्ति पर कार्रवाई होगी
किसी माह में एक दिन अधिक आपूर्ति पाई जाती है तो संबंधित ऑपरेटर, दो दिन निरंतर अधिक आपूर्ति पर संबंधित कनिष्ठ अभियंता, पांच दिन होने पर संबंधित उपमहाप्रबंधक और निरंतर सात दिन होने पर संबंधित महाप्रबंधक का एक दिन का वेतन काटा जाएगा। इसके पीछे कारण आसमाजिक तत्वों के दबाव में निर्धारित और घोषित समय से अधिक कृषि फीडर पर बिजली देने से दुर्घटना की संभावनाएं बढ़ने को बताया था। इस आदेश को किसान संगठनों के साथ कांग्रेस ने मुद्दा बनाया।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री अरुण यादव ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरप्लस बिजली वाला प्रदेश दिल्ली में मेट्रो चलाने के लिए बिजली देता है पर किसानों के लिए उसके पास बिजली नहीं है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि किसानों का हित हमारे लिए सर्वोपरि है। किसानों को हर हाल में 10 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति की जाएगी। जिस परिपत्र को लेकर गलतफहमी पैदा हुई है, उसे तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है। साथ ही इससे जुड़े अधिकारी को भी हटा दिया है।