भोपाल में भी मामा का घर, दिल्ली में भी, मैं तुमसे दूर नहीं हूं

दीक्षांत समारोह में बोले केन्द्रीय मंत्री शिवराज
भोपाल। केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जिंदगी के जिस भी मोड़ पर जरूरत होगी, इनोवेटिव आइडिया हो तो मेरे पास भेजना, मैं तुम्हारे साथ खड़ा रहूंगा। यहां भोपाल में भी मामा का घर है और दिल्ली में भी मामा का घर है, मैं तुमसे दूर नहीं हूं।
केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह बात आज राजधानी में एक निजी यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह दीक्षा का अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है। क्योंकि ये दिन सिर्फ डिग्री लेने का नहीं, बल्कि जिम्मेदारी लेने का दिन है। आज से असली जीवन की परीक्षा शुरू होती है। जहां ज्ञान को कर्म में बदलना है, समाज और देश की सेवा में लगाना है। उन्होंने कहा कि, मेरे लिए राजनीति केवल सत्ता का माध्यम नहीं, बल्कि लोगों की सेवा का माध्यम है। सार्थक और सफल मानव जीवन वही है जिसमें दूसरों की सेवा हो, क्योंकि मेरे लिए लोगों की सेवा ही भगवान की पूजा है। केन्द्रीय मंत्री ने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि, जीवन भर नशे से दूर रहना, नशा-नाश की जड़ है, ये जीवन तबाह और बर्बाद कर देता है।
अपने आपको दीनहीन मत समझना
चौहान ने कहा कि, अपने आपको दीनहीन मत मानना, मजबूर मत समझना, तुम सब कुछ कर सकते हो बस सोचो, करना क्या है..? साधारण जीवन मत जीना, बल्कि कुछ असाधारण करने की सोच रखना। कोई भी काम छोटा नहीं होता। अगर नौकरी करते हो तो ऐसे करो कि अलग पहचान बनाओ और अगर सोचो तो नौकरी मांगने वाले नहीं, नौकरी देने वाले बनो।
 

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