जबलपुर अस्पताल में चूहा कांड, जांच के आदेश

पेस्ट कंट्रोल करने वाली कंपनी को नोटिस
भोपाल। जबलपुर जिला अस्पताल में हुए चूहा कांड ने एक बार फिर प्रशासनिक अव्यवस्था को उजागर कर दिया है। जिसकी आवाज अब प्रदेश के मंत्रियों तक भी पहुंचने लगे हैं। इसकी जानकारी मिलते ही उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने जांच की बात कही है।
स्वास्थय मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि पेस्ट कंट्रोल करने वाली कंपनी को नोटिस जारी किया गया है। घटना की जांच की जा रही है। पेस्ट कंट्रोल वालों को नोटिस दिया गया है। किचन तोड़ने के बाद क्या सावधानी बरती गई, इसकी भी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि इंदौर में कई साल से सुनाई देता था कि चूहे आ जाते हैं। इसलिए बिल्डिंग्स को रीकन्सट्रक्शन का फैसला लिया गया है। इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर सहित अन्य अस्पताल को लेकर फैसला लिया गया है। शुक्ल ने कहा कि सतना में चार बच्चों को एचआईवी संक्रमित ब्लड चढ़ाए जाने के मामले में एक समिति पूरे मामले की जांच करेगी। कमेटी के सदस्य सतना जाकर पूरे मामले की जांच करेंगे। स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव संदीप यादव उस जांच समिति की निगरानी करेंगे। शुक्ल खुद सतना जाकर पूरे मामले की जानकारी लेंगे।
शासकीय मेडिकल कॉलेजों की संख्या हुई 19
शुक्ल ने मीडिया से चर्चा करते हुए सरकार के दो साल की उपलब्धियों को गिनाया। उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। शासकीय मेडिकल कॉलेजों की संख्या 14 से बढ़कर 19 हो चुकी है तथा निजी मेडिकल कॉलेज 12 से बढ़कर 14 हो गए हैं। आगामी शैक्षणिक सत्र से दमोह, बुधनी और छतरपुर में नए मेडिकल कॉलेज प्रारंभ किए जाएंगे, जिससे इन क्षेत्रों में चिकित्सा शिक्षा के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर विशेषज्ञ सेवाएं भी सुदृढ़ होंगी। राजगढ़, मंडला और उज्जैन में मेडिकल कॉलेज स्थापना का कार्य तेजी से प्रगति पर है। इसके अतिरिक्त पीपीपी मॉडल के अंतर्गत 9 जिलों में मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं, जिनमें कटनी, धार, पन्ना और बैतूल में निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है। ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज, इंदौर में 50 एमबीबीएस सीटों के साथ शैक्षणिक गतिविधियां आरंभ हो चुकी हैं।
 


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