नई दिल्ली. केंद्र सरकार मौजूदा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की जगह एक नई योजना शुरू करने जा रही है. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि नई योजना विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड अजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी VB-G RAM G बिल-2025 के तहत 1 अप्रैल 2026 से लागू करने का लक्ष्य है. राज्यों को योजना को लागू करने के लिए छह महीने का समय दिया जाएगा.
नई योजना में काम को चार मुख्य श्रेणियों में विभाजित किया गया है जल सुरक्षा, ग्रामीण बुनियादी ढांचा, आजीविका बुनियादी ढांचा और आपदा लचीलापन. सबसे बड़ा बदलाव वित्तीय जिम्मेदारी में है. वर्तमान में केंद्र श्रम लागत का 100 प्रतिशत और सामग्री लागत का 75 प्रतिशत वहन करता है, लेकिन नई योजना में बड़े राज्यों को कुल व्यय का 40 प्रतिशत वहन करना होगा. हालांकि, 11 पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों को केवल 10 प्रतिशत और चार केंद्र शासित प्रदेशों में पूरी तरह केंद्र प्रायोजित योजना होगी.
शिवराज सिंह चौहान ने पेश किया बिल
शिवराज सिंह चौहान ने यह बिल संसद में पेश किया और कहा कि नई योजना गांवों में पर्याप्त रोजगार और मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करेगी, जिससे देश विकसित राष्ट्र बनेगा. उन्होंने मनरेगा में लीकेज और मिसमैनेजमेंट की शिकायतों का जिक्र करते हुए कहा कि नई योजना से टिकाऊ संपत्तियां बनेंगी और ग्रामीण विकास मजबूत होगा.
महात्मा गांधी के नाम पर विवाद
विपक्ष इस बदलाव की जोरदार आलोचना कर रहा है, खासकर महात्मा गांधी के नाम हटाने को लेकर. चौहान ने इसका बचाव करते हुए कहा कि सरकार बापू के आदर्शों का पालन करती है. प्रधानमंत्री खुद बापू का सम्मान करते हैं. मैंने उनकी भक्ति देखी है. उन्होंने पुरानी योजनाओं का उदाहरण देते हुए कहा, जवाहर रोजगार योजना थी, फिर यूपीए ने इसे एनआरईजीए बनाया और महात्मा गांधी का नाम जोड़ा. योजनाएं शुरू होती हैं, नाम बदलते हैं. यहां अपमान का कोई सवाल नहीं है. सम्मान नाम से नहीं, कार्यों और आचरण से होता है. अगर हम गांधीजी का सम्मान करते हैं तो उनके सिद्धांतों का पालन भी करना चाहिए.