MP Transfer Policy 2025: मध्यप्रदेश में ट्रांसफर पॉलिसी लागू, 30 मई तक विभागीय मंत्रियों को तबादले के अधिकार

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Sun, 04 May 2025 10:41 AM IST         मध्यप्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग ने शनिवार को स्थानांतरण पॉलिसी- 2025 जारी कर दी है। अब 30 मई तक विभाग अपने कर्मचारियों के ट्रांसफर कर सकेंगे। इसके बाद सामान्य रूप से स्थानांतरण प्रतिबंधित रहेंगे और केवल विशेष परिस्थितियों में ही तबादले किए जा सकेंगे। 
मध्यप्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग ने शनिवार को स्थानांतरण पॉलिसी- 2025 जारी कर दी है। अब 30 मई तक विभाग अपने कर्मचारियों के ट्रांसफर कर सकेंगे। इसके बाद सामान्य रूप से स्थानांतरण प्रतिबंधित रहेंगे और केवल विशेष परिस्थितियों में ही तबादले किए जा सकेंगे। पालिसी के मुताबिक, राज्य एवं जिला स्तर पर तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का तबादला जिला कलेक्टर की संस्तुति और प्रभारी मंत्री की स्वीकृति से किया जाएगा। जबकि प्रथम श्रेणी के अधिकारियों का तबादला मुख्यमंत्री की सहमति के बाद ही होगा। पॉलिसी में यह भी कहा गया है कि  स्थानांतरण आदेशों की अनदेखी करने, कार्यमुक्त न होने या अवकाश लेकर गायब होने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई तय की गई है। विभागीय सचिव इसकी निगरानी के लिए जिम्मेदार होंगे।
- एक ही स्थान पर 3 वर्ष से अधिक समय से पदस्थ कर्मचारियों के तबादले को प्राथमिकता।
- गंभीर बीमारियों, न्यायालयीन आदेश, अनुशासनात्मक कार्रवाई या लोकायुक्त जांच जैसी परिस्थितियों में अपवादस्वरूप स्थानांतरण संभव।
- पति-पत्नी एक साथ पदस्थापना चाहते हैं तो आवेदन पर विचार होगा, लेकिन पदस्थापन प्रशासकीय आवश्यकता के अनुसार।
- महिला कर्मचारियों, दिव्यांगजन और गंभीर रूप से बीमार परिजनों की देखभाल करने वाले कर्मचारियों को विशेष सहूलियत।
- स्वीकृत पदों से अधिक पदस्थापना पर रोक, और एक ही स्थान पर शृंखलाबद्ध स्थानांतरण को स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित किया गया है।
- ई-ऑफिस प्रणाली से जारी आदेश ही मान्य होंगे और 30 मई के बाद जारी आदेश स्वमेव निरस्त माने जाएंगे।
- कार्यमुक्त के 2 सप्ताह के अंदर अनिवार्य जॉइनिंग, अन्यथा एकतरफा कार्यमुक्त किया जाएगा।   
- कार्यमुक्त न करने या देरी पर वेतन रोका जाएगा और वित्तीय अनियमितता मानी जाएगी।
- राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की पदस्थापना सामान्य प्रशासन विभाग जिले में की जाएगी। जिले के अंदर डिप्टी कलेक्टर/ संयुक्त कलेक्टर की अनुविभाग में पदस्थापना या अनुविभाग परिवर्तन, कलेक्टर द्वारा, जिला प्रभारी मंत्र से परामर्श कर सहमति उपरांत किया जा सकेगा।
- तहसीलदार, अतिरिक्त तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार की जिले में पदस्थापना/ स्थानांतरण जिला कलेक्टर द्वारा जिला प्रभारी मंत्री से परामर्श कर सहमति बाद की जा सकेगी।  - जिलों में पदस्थ प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी के कार्यपालक अधिकारियों के एक ही स्थान पर तीन वर्ष की पदस्थापना पूर्ण कर लेने पर जिले से अन्यत्र प्राथमिकता पर स्थानांतरण किया जा सकेगा। तृतीय श्रेणी कार्यपालिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों का भी एक ही स्थान पर सामान्यत: तीन वर्ष या उससे अधिक पदस्थापना की अवधिक पूर्ण कर लेने के कारण स्थानांतरण किया जा सकेगा।  - जिस जिले में अधिकारी पूर्व में पदस्थ रह चुके है, वहां उनकी उसी पद पर  दोबारा पदस्थापना सामान्यत: नहीं की जाए। 
- जिन अधिकारियों/ कर्मचारियों के विरुद्ध नैतिक पदन संबंधी आपराधिक प्रकरण लंबित हों, उनकी तैनाती कार्यपालिक पदों पर नहीं की जाएगी। 
- राज्य सरकार की प्राथमिकताओं वाली योजनाओं में कम से ट्रांसफर किाए जाएंगे। 
-  अविवाहित, विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता महिलाओं के प्रकरणों में उनके गृह जिले में स्थानांतरण किया जा सकेगा। 

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