किसानों को 10 घंटे से ज्यादा बिजली नहीं, ऑपरेटर का कटेगा वेतन

बिजली कंपनी के आदेश से मचा घमासान
भोपाल। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने नया आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि किसी भी कृषि फीडर पर एक दिन में 10 घंटे से अधिक बिजली आपूर्ति नहीं की जाएगी। आदेश के अनुसार, यदि कहीं भी निर्धारित सीमा से अधिक बिजली दी जाती है, तो संबंधित ऑपरेटर का एक दिन का वेतन काटा जाएगा।
बिजली कंपनी के चीफ जनरल मैनेजर ए.के. जैन द्वारा जारी यह आदेश भोपाल, ग्वालियर, सीहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, रायसेन, हरदा, विदिशा, अशोकनगर, गुना, भिंड, मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी और दतिया जिलों के महाप्रबंधकों को भेजा गया है। आदेश में कहा गया है कि एक दिन’’ में यदि किसी कृषि फीडर पर 10 घंटे से अधिक बिजली दी गई तो ऑपरेटर का एक दिन का वेतन काटा जाएगा, लगातार दो दिन तक ऐसा पाए जाने पर संबंधित जूनियर इंजीनियर की सैलरी कटेगी, पांच दिन लगातार नियम उल्लंघन होने पर एक्जीक्यूटिव इंजीनियर पर कार्रवाई होगी, यदि सात दिन तक प्रतिदिन 10 घंटे से अधिक आपूर्ति दी जाती है, तो उपमहाप्रबंधक (डीएम) या महाप्रबंधक (जीएम) का एक दिन का वेतन काटा जाएगा। कंपनी ने स्पष्ट किया है कि मौसम, नमी या तकनीकी कारणों से बढ़े लोड के बावजूद 10 घंटे से अधिक बिजली नहीं दी जानी चाहिए। कृषि फीडर मीटर की रीडिंग में 15 मिनट तक की त्रुटि की छूट दी गई है। सभी इंजीनियरों को आदेश का पालन सुनिश्चित करने और उल्लंघन की रिपोर्ट मुख्यालय भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
कांग्रेस का हमला, भाजपा सरकार का दोहरा चरित्र
कंपनी इस आदेश को लेकर कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राहुल शर्मा ने भाजपा नेता मंचों से कहते हैं कि किसानों को पर्याप्त बिजली देंगे और अब आदेश जारी कर रहे हैं कि जो कर्मचारी 10 घंटे से ज्यादा बिजली देगा, उसकी सैलरी काट लेंगे। दोहरा चरित्र और दोगलेपन की सारी सीमाएं लांघ चुकी है भाजपा सरकार। लगता है मुख्यमंत्री  ने ठान लिया है कि किसानों को हर तरह से परेशान करना है।
किसान संगठनों में नाराज़गी
विद्युत आपूर्ति की नई सीमा को लेकर किसान संगठनों में नाराज़गी है। उनका कहना है कि सिंचाई के मौसमी दबाव में 10 घंटे की बिजली पर्याप्त नहीं है और यह निर्णय खेती की लागत बढ़ाएगा। कई जिलों में किसान संगठनों ने आदेश वापस लेने की मांग शुरू कर दी है।
 


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