केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति की ओर से मंगलवार को भारत के संबंध में दिए गए कुछ अनुचित संदर्भों और टिप्पणियों पर कड़ी आपत्तियां जताई हैं। दोहा में विश्व सामाजिक विकास शिखर सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री नेकहा कि पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों में टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है और उसे वैश्विक मंचों का दुरुपयोग करना बंद कर देना चाहिए। दरअसल पाकिस्तान ने कहा था कि भारत पानी को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है।
'दुनिया का ध्यान सामाजिक विकास से हटाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच का दुरुपयोग कर रहा पाकिस्तान'
मंत्री मनसुख मंडाविया ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान भारतीय नागरिकों के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद की गतिविधियों में लिप्त है, उन्होंने पड़ोसी देश को आत्मचिंतन करने की सलाह दी। मंत्री ने कहा कि भारत के खिलाफ इस प्रकार का दुष्प्रचार फैलाकर पाकिस्तान दुनिया का ध्यान सामाजिक विकास से हटाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच का दुरुपयोग कर रहा है। भारत का इसे लेकर स्पष्ट मत है कि सिंधु जल संधि पर पाकिस्तान ने निरंतर शत्रुता और सीमा पार आतंकवाद के माध्यम से इस संधि की भावना को कमजोर किया है। इसके द्वारा भारत की वैध परियोजनाओं में बाधा डालने के लिए संधि तंत्र का बार-बार दुरुपयोग किया है।
किसी संप्रभु राष्ट्र की आंतरिक स्थितियों में हस्तक्षेप न करें पाकिस्तान- मंडाविया
जहां तक भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर का सवाल है, पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों में टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। खासकर तब जब वह भारत के नागरिकों के खिलाफ सीमा पार से आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त रहता है। उसको अधिकार नहीं है कि वह किसी संप्रभु राष्ट्र की आंतरिक स्थितियों में हस्तक्षेप करें।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को आत्मचिंतन करना चाहिए और विकास से जुड़ी अपनी गंभीर चुनौतियों का समाधान करना चाहिए, जिसकी वजह से वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मदद पर निर्भर हो गया है। पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों का दुरुपयोग बंद करना चाहिए।
भारत पाकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा कल भारत के संबंध में दिए गए कुछ अनुचित संदर्भों और टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताता है। डॉक्टर मंडाविया ने कहा कि इस शिखर सम्मेलन में सदस्य देश जो राजनीतिक घोषणा पत्र अपना रहे हैं, वह वैश्विक प्राथमिकताओं के अनुरूप है, विशेष रूप से महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास, पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना और सहकारिताओं को समावेशी विकास के इंजन के रूप में मान्यता देना। हमारी आर्थिक वृद्धि और सामाजिक विकास के मार्ग सतत विकास लक्ष्यों और जलवायु परिवर्तन संबंधी हमारी प्रतिबद्धताओं के अनुरूप हैं। हम संयुक्त राष्ट्र के 17 सतत विकास लक्ष्यों के एजेंडे पर अडिग हैं।