भोपाल। मध्य प्रदेश में किसानों को बिजली सप्लाई को लेकर जारी एक विवादित आदेश पर मचा बवाल अब थम गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के हस्तक्षेप के बाद मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जारी उस आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है, जिसमें 10 घंटे से अधिक बिजली सप्लाई देने पर कर्मचारियों का वेतन काटने का प्रावधान किया गया था।
दरअसल, कंपनी के चीफ जनरल मैनेजर ए.के. जैन की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि अगर किसानों को एक दिन में 10 घंटे से अधिक बिजली दी गई तो संबंधित ऑपरेटर का एक दिन का वेतन काटा जाएगा। वहीं, दो दिन तक ऐसा होने पर जूनियर इंजीनियर, पांच दिन तक होने पर क्लस्टर हेड और सात दिन से अधिक होने पर लाइन डिपो इंचार्ज का एक-एक दिन का वेतन काटने का निर्देश था। जैसे ही यह आदेश सामने आया, किसानों में भारी नाराजगी फैल गई। विभिन्न किसान संगठनों ने इसे किसानों के साथ अन्याय बताते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। मामले ने तूल पकड़ते ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हस्तक्षेप करते हुए आदेश को रद्द करने के निर्देश दिए।
सीजीएम जैन को हटाया
मुख्यमंत्री डा यादव ने कहा कि जिस सर्क्यूलर को लेकर जनसामान्य में गलतफहमी पैदा हुई है, उस विवादित सर्क्यूलर को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है। साथ ही विवादित सर्क्यूलर मामले से जुड़े संबंधित चीफ इंजीनियर को भी तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद कंपनी ने सीजीएम अजय कुमार जैन को हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं।