MP News: आयुष्मान की पात्रता है तो मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान का नहीं मिलेगा लाभ

मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारी ने बताया कि आयुष्मान हितग्राहियों को विशेष परिस्थिति में ही स्वेच्छानुदान दिया जा रहा है, जैसे रोगी को ऐसी बीमारी हो जो आयुष्मान योजना के पैकेज में शामिल नहीं हो या फिर जिस अस्पताल में मरीज भर्ती है वह आयुष्मान योजना में है या नहीं। नहीं होने की स्थिति में स्वेच्छानुदान पर विचार किया जाता है।

By Navodit Saktawat  Edited By: Navodit Saktawat  Publish Date: Wed, 12 Nov 2025 06:20:24 PM (IST)
Updated Date: Wed, 12 Nov 2025 06:30:58 PM (IST)
  1. सरकार पर पड़ता था अतिरिक्त बोझ, जरूरतमंदों को मिलेगा लाभ।
  2. आधार नंबर से पता की जा रही आवेदक की आयुष्मान की पात्रता।
  3. बीमारी पैकेज कवर नहीं है तभी स्वेच्छानुदान से राशि मिल सकेगी।

राज्य ब्यूरो नईदुनिया, भोपाल। आयुष्मान भारत योजना के लिए पात्र हितग्राहियों को मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान का लाभ नहीं मिलेगा। आयुष्मान योजना के तहत पांच लाख रुपये तक का उपचार होने के बाद ही आवेदन पर विचार होगा। इसका उद्देश्य स्वेच्छानुदान से अधिकाधिक लोगों को लाभ दिलाना है।

इसके लिए आधार नंबर से आयुष्मान की पात्रता और अस्पताल की संबद्धता पता की जा रही है। विशेष परिस्थिति में बीमारी यदि आयुष्मान का पैकेज कवर नहीं है तभी स्वेच्छानुदान से राशि मिल सकेगी। दरअसल, मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान के लिए बड़ी संख्या में ऐसे आवेदन आते थे, जिसमें हितग्राही आयुष्मान योजना के तहत भी उपचार के लिए पात्र हैं।

उन्हें बीमारी की गंभीरता और आर्थिक स्थिति देखते हुए राशि स्वीकृत कर दी जाती थी। ऐसे में शासन पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा था। शासन ने अब तय किया है आयुष्मान योजना से उपचार की सुविधा निजी और सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है तो स्वेच्छानुदान से राशि देने का औचित्य नहीं है।

मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारी ने बताया कि आयुष्मान हितग्राहियों को विशेष परिस्थिति में ही स्वेच्छानुदान दिया जा रहा है, जैसे रोगी को ऐसी बीमारी हो जो आयुष्मान योजना के पैकेज में शामिल नहीं हो या फिर जिस अस्पताल में मरीज भर्ती है वह आयुष्मान योजना में है या नहीं। नहीं होने की स्थिति में स्वेच्छानुदान पर विचार किया जाता है।


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