2014 में हुई थी घोषणा, अब तक नहीं बन पाया बोर्ड
भोपाल। प्रदेश में एक बार फिर ट्रांसजेंडर बोर्ड के गठन की मांग तेज हो गई है। इस बोर्ड के गठन की घोषणा वर्ष 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी। इसके बाद कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भी बोर्ड बनाने पर सहमति बनी थी।
सामाजिक न्याय विभाग ने इसका प्रारूप तैयार कर किन्नर समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ कई बैठकें कीं, लेकिन बोर्ड का गठन आज तक अधर में लटका हुआ है। महामंडलेश्वर साध्वी संजना सखी ने कहा कि ट्रांसजेंडर बोर्ड का गठन कई वर्षों से अटका हुआ है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में इस संबंध में अंतिम कार्रवाई चल रही थी और तत्कालीन प्रमुख सचिव प्रतीक हजेला के साथ कई बैठकें भी हुई थीं, लेकिन सरकार कोई ठोस निर्णय नहीं ले सकी। उनका कहना है कि राज्य में ट्रांसजेंडर समुदाय का डेटाबेस तैयार किया जा सकेगा, ट्रांसजेंडरों को अधिकृत पहचान प्रमाण पत्र जारी किए जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि समुदाय के पुनर्वास और कल्याण के लिए योजनाएं लागू होंगी, जिससे समुदाय के लोगों को फायदा मिल सकेगा। उनका कहना है कि किन्नर समाज शिक्षा, रोजगार, आवास और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का भी बोर्ड गठन से समाधान हो सकेगा। समुदाय के प्रतिनिधियों का कहना है कि जब तक बोर्ड का गठन नहीं होगा, तब तक योजनाएं कागजों से बाहर नहीं निकल पाएंगी। अब समुदाय ने सरकार से जल्द से जल्द बोर्ड गठन की मांग दोहराई है।