MP News: मध्य प्रदेश के 25 साल पुराने सभी बांधों की होगी जांच, जलसंसाधन मंत्री ने दिए निर्देश

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Thu, 13 Nov 2025 09:41 AM IST

एनजीटी ने भोपाल की भोज वेटलैण्ड की सुरक्षा में लापरवाही पर नगर निगम और कलेक्टर को कड़ी फटकार लगाई है। अधिकरण ने झील क्षेत्र से अवैध निर्माण हटाने और पर्यावरण संरक्षण की कार्रवाई की व्यक्तिगत निगरानी के निर्देश दिए हैं।

मध्य प्रदेश में 25 साल पुराने सभी बांधों की जांच की जाएंगी। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने इसके निर्देश दिए। सिलावट ने  केरवां बांध के फुट ब्रिज क्षतिग्रस्त होने की जांच और उसके पुनर्निर्माण संबंधी कार्य तुरंत प्रारंभ करने के भी निर्देश दिए। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा है कि बांधों, जलाशयों और उन पर बनी संरचनाओं की सुरक्षा सरकार की उच्च प्राथमिकता है। प्रदेश के ऐसे सभी बांधों, जो 25 वर्ष पुराने हो गए हैं, उनका सर्वे कराएं, जहां भी आवश्यक हो कार्य कराएं और उनकी शत-प्रतिशत सुरक्षा सुनिश्चित करें। केरवां बांध के फुट ब्रिज क्षतिग्रस्त होने की जांच कराएं और फुट ब्रिज का पुनर्निर्माण संबंधी कार्य तुरंत प्रारंभ करें। कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मंत्री ने बुधवार को केरवां बांध का निरीक्षण किया और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में प्रमुख अभियंता  विनोद देवड़ा, मुख्य अभियंता ईएंडएम  बीएस रावत, मुख्य अभियंता भोपालआरडी अहिरवार सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

मंत्री सिलावट ने निर्देश दिए कि फुटब्रिज क्षतिग्रस्त होने के कारण की विस्तृत जांच कराई जाए। सुधार कार्य का प्राक्कलन तैयार कर कार्य प्रारम्भ कराया जाए और कार्य 5 माह में पूर्ण किया जाए। सभी स्लेबों एवं गेटों का पुनः निर्माण कराया जाए। किये गये कार्य की प्रगति प्रत्येक एक माह में अवगत कराई जाए। मंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए प्रत्येक बेसिन के मुख्य अभियंता अपने क्षेत्र के बांधों का निरीक्षण करें, प्रत्येक सप्ताह में कम से कम एक जिले का निरीक्षण करें। प्रदेश के 25 वर्षों से पूर्व निर्मित बांधों के गेटों को आवश्यकता अनुसार चरणबद्ध तरीके से बदले जाने की कार्यवाही करें। केरवा बांध के लेफ्ट फ्लेंक पर स्थित फुट ब्रिज का एक स्पान दिनांक मंगलवार को क्षतिग्रस्त हो गया था। बांध का निर्माण वर्ष 1975 में आरंभ होकर 1980 में पूर्ण किया गया था। बांध में कुल 4 सस्लैब हैं, जिनमें 8 ऑटोमेटिक टिलटिंग गेट लगे हुए हैं।

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