दिल्ली के लाल किले के पास हुए एक कार धमाके से जुड़ी एक बड़ी आतंकी साजिश का खुफिया एजेंसियों ने गुरुवार को पर्दाफाश किया है। सूत्रों के अनुसार, संदिग्धों ने कई जगहों पर हमले करने के लिए लगभग 32 पुराने वाहनों को विस्फोटक से लैस करने की योजना बनाई थी। यह खुलासा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरे की ओर इशारा करता है।
खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के हवाले से पता चला है कि चल रही जांच का दायरा लगातार बढ़ रहा है। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि आरोपियों ने हमलों में इस्तेमाल के लिए एक i20 और एक इकोस्पोर्ट वाहन को मॉडिफाई करने का काम शुरू कर दिया था। जांच टीम अब इस बात की पड़ताल कर रही है कि क्या सिलसिलेवार विस्फोटों को अंजाम देने की इस व्यापक योजना के तहत इसी तरह के और भी वाहन तैयार किए जा रहे थे।
बरामद हुई लाल रंग की इकोस्पोर्ट - फोटो : अमर उजाला
एक खुफिया सूत्र ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि i20 और इकोस्पोर्ट के बाद यह पता चला कि 32 अन्य पुराने वाहनों को तैयार करने की तैयारी चल रही थी, जिनमें विस्फोटक लगाए जा सकते थे। यह दर्शाता है कि आतंकी समूह बड़े पैमाने पर तबाही मचाने की फिराक में था।
मौके पर तैनात फोर्स और बरामद की गई कार - फोटो : अमर उजाला
समन्वित विस्फोटों की योजना
जांच एजेंसियों ने यह भी बताया है कि लगभग आठ संदिग्ध कथित तौर पर चार अलग-अलग स्थानों पर विस्फोटों को अंजाम देने की तैयारी कर रहे थे। इनमें से प्रत्येक संदिग्ध को एक चुने हुए शहर के लिए नियुक्त किया गया था। प्रारंभिक जांच से यह भी संकेत मिले हैं कि आरोपी समूह एक साथ हमलों के लिए कई इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) लेकर जाने की योजना बना रहे थे
इसी आई-20 कार में किया गया ब्लास्ट। - फोटो : अमर उजाला प्रिंट/ वीडियो ग्रैब
पुराने मामलों से जुड़ाव और वित्तीय लेन-देन
इस जांच के दायरे में पिछले आतंकी मामलों से जुड़े लोग भी शामिल हैं। लाल किला विस्फोट के आरोपियों, जिनमें डॉ. मुजम्मिल, डॉ. अदील, डॉ. उमर और शाहीन के नाम सामने आए हैं, की भूमिका की भी गहनता से जांच की जा रही है।
संदिग्ध डॉ. मोहम्मद उमर - फोटो : पीटीआई
सूत्रों ने यह भी खुलासा किया कि आरोपियों ने मिलकर लगभग 20 लाख रुपये नकद जुटाए थे। इस रकम को डॉक्टर उमर को सौंपा गया था। कथित तौर पर इस पैसे का इस्तेमाल गुरुग्राम, नूंह और आसपास के इलाकों से लगभग तीन लाख रुपये के 20 क्विंटल एनपीके उर्वरक की खरीद के लिए किया गया था। एनपीके उर्वरक (नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, और पोटेशियम का मिश्रण) का इस्तेमाल विस्फोटक सामग्री निकालने के लिए किया जा सकता है, जिससे आईईडी तैयार करने का उनका इरादा स्पष्ट होता है।
आईएसआईएस से संभावित संबंध
जांच एजेंसियों के अनुसार, डॉ. मुजम्मिल 2021 और 2022 के बीच मारे गए आतंकवादियों के सहयोगियों के साथ संपर्क बनाए रखने के बाद आईएसआईएस की एक शाखा, अंसार गजवत-उल-हिंद की ओर झुकाव रखने लगा था। माना जाता है कि उसे इरफान उर्फ मौलवी नाम के एक व्यक्ति ने इस नेटवर्क से परिचित कराया था।
भविष्य की तैयारी
यह भी माना जा रहा है कि 2023 और 2024 में बरामद किए गए हथियार इस मॉड्यूल द्वारा एक स्वतंत्र आतंकवादी समूह बनाने की तैयारी के तहत हासिल किए गए थे। जांच एजेंसियां अब इस व्यापक नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं, क्योंकि उन्हें संदेह है कि आरोपी ने भविष्य में भी बड़े हमले को अंजाम देने की योजना बनाई थी।
फरीदाबाद में पकड़ी गई 'लाल कार' में था विस्फोटक
फरीदाबाद के खंदावली गांव में जब खेतों में खड़ी एक लाल रंग की कार (ईकोस्पोर्ट) में विस्फोटक मिलने की सूचना से इलाके में सनसनी फैल गई। यह वही लाल रंग की ईकोस्पोर्ट कार है जिसे दिल्ली धमाके में आतंकियों ने इस्तेमाल किया है। कार में विस्फोटक मिलने की सूचना पर आनन-फानन एनएसए, फोरेंसिक टीम और भारी पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची।

कार के आसपास बने लगभग 10 घरों को खाली करा लिया और इलाके को सील कर दिया। मौके पर 400 से अधिक पुलिसकर्मियों की भारी तैनाती की गई है, जो किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए मुस्तैद हैं। खंदावली गांव से लगभग 200 मीटर दूर खेतों में फहीम नाम के व्यक्ति के घर के पास एक लाल रंग की कार खड़ी थी।
पुलिस की जांच में पता चला है कि मंगलवार की सुबह कार को यहां खड़ा करने वालों में दो पुरुष और एक महिला शामिल थी, जिनमें फहीम का साला भी है। फहीम का साला पेशे से कार मिस्त्री बताया जा रहा है। आशंका जताई जा रही है कि कार सर्विस कराने के दौरान फहीम के साले का संपर्क अल फलाह यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों और कुछ संदिग्ध आतंकियों से हुआ था।
यह भी पता चला है कि फहीम की ससुराल धौज गांव में है, जहां अल फलाह यूनिवर्सिटी भी स्थित है। इस खुलासे के बाद पुलिस संदिग्धों की तलाश में जुट गई है और मामले की गहनता से जांच की जा रही है। इस घटना के मद्देनजर, सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
इलाके में किसी भी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है और चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा है। पुलिस विस्फोटक की प्रकृति और इसके पीछे के मकसद का पता लगाने में जुटी हुई है। स्थानीय लोगों में भय का माहौल है और वे इस घटना को लेकर काफी चिंतित हैं।