भोपाल में शख्स ने आठ रुपये के लिए तीन साल लड़ी कानूनी लड़ाई (सांकेतिक तस्वीर)
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से आठ रुपये अधिक लेना डी-मार्ट को भारी पड़ गया। भोपाल के जिला उपभोक्ता आयोग क्रमांक-2 ने इसे अनुचित व्यापार बताते हुए 15 हजार रुपये की क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया है। उपभोक्ता ने इस आठ रुपये के लिए तीन साल की कानूनी लड़ाई लड़ी। आयोग ने अपने फैसले में कहा है कि स्टोर पैकेट पर लिखी एमआरपी से अधिक कीमत नहीं वसूल सकता। दुकानदार का दायित्व है कि वह बिल में उत्पाद की एमआरपी एवं डिस्काउंट को स्पष्ट रूप से अंकित करे।
कोलार रोड निवासी विवेक शर्मा ने 13 अप्रैल 2022 को डी मार्ट से खरीदी की थी। कुल चार हजार 235 रुपये के सामान में एक अंडरगारमेंट भी था। घर आकर जब उन्होंने सामान और बिल का मिलान किया तो पता चला कि अंडरमारमेंट पर एमआरपी केवल 200 रुपये अंकित है, जबकि बिल में उसका मूल्य 208 रुपये बताया गया है। उन्होंने डीमार्ट से शिकायत की तो स्टोर ने उन्हें आठ रुपये लौटाने से मना कर दिया। उसके बाद शर्मा ने आयोग में याचिका लगाई।