बांग्लादेश का विशेष न्यायाधिकरण अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ सोमवार को सजा सुनाएगा। उन्हें पिछले साल सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध करने का आरोपी बनाया गया है। सरकारी अभियोजक ने इस मामले में हसीना को मृत्युदंड देने की मांग की है। हसीना को सजा सुनाए जाने के एलान के बाद से ही उनके समर्थक गुस्से में हैं। इस दौरान छिटपुट हिंसक वारदातों की सूचना है। सरकार ने ढाका और उसके आसपास के जिलों की सुरक्षा व्यवस्था चुस्त कर दी है।
बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी-बीडी) में चल रहे मुकदमे में हसीना के अलावा उनकी सरकार में गृह मंत्री रहे असदुज्जमा खान कमाल व तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुला अल-मामून को भी आरोपी बनाया गया है। उन पर हत्या, हत्या के प्रयास, टॉर्चर समेत पांच गंभीर आरोप लगाए गए हैं। हसीना व कमाल को न्यायाधिकरण ने भगोड़ा घोषित कर दिया है, जबकि मामून सरकारी गवाह बन गया है। मुख्य अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने हसीना के लिए मृत्युदंड की मांग की है और आरोप लगाया है कि वह पिछले वर्ष बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के दौरान मानवता के खिलाफ किए गए अपराधों के पीछे मास्टरमाइंड थीं। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल 15 जुलाई से 15 अगस्त के बीच प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में 1,400 से अधिक लोग मारे गए थे।
सजा के प्रमुख हिस्से का टीवी पर होगा प्रसारण
स्थानीय मीडिया के अनुसार, अभियोजक गाजी मोनोवार हुसैन तमीम ने रविवार को संवाददाताओं को बताया कि अगर न्यायाधिकरण अनुमति देता है तो अदालत में सुनाए गए फैसले के प्रमुख हिस्से का बांग्लादेश टेलीविजन (बीटीवी) पर सीधा प्रसारण किया जाएगा। अन्य सभी मीडिया संस्थान बीटीवी के माध्यम से प्रसारण दिखा सकेंगे।पुलिस, बीजीबी व सेना को उतारा
सजा सुनाए जानेसे पहले सरकार ने बांग्लादेश और आसपास के इलाकों में पुलिस के अलावा बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) व सेना को भी उतार दिया है। सचिवालय और न्यायाधिकरण क्षेत्र समेत प्रमुख सरकारी दफ्तरों में अतिरिक्त जांच पोस्ट बनाए गए हैं।