अमेरिका परमाणु अभ्यास: निष्क्रिय बम से दो माह पहले ही किया परीक्षण, नेवादा में दिखी थी गतिविधि; अब हुआ खुलासा

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन। Published by: निर्मल कांत Updated Sun, 16 Nov 2025 10:08 PM IST

अमेरिका ने अपने बी61-12 परमाणु बम का एफ-35 लड़ाकू विमान से सफल उड़ान परीक्षण किया। यह बम निष्क्रिय था और परीक्षण ने विमान, पायलट और बम की पूरी कार्यक्षमता साबित की। अधिकारियों ने कहा कि बम की उम्र बढ़ाई गई है और यह भविष्य के परमाणु मिशनों के लिए भरोसेमंद है।

अमेरिका ने परमाणु बमों की शृंखला के परीक्षण की जानकारी दी है। हालांकि, जिन बमों के साथ इस अभ्यास को अंजाम दिया गया वे निष्क्रिय थे।

अमेरिकी ऊर्जा विभाग की सैंडिया राष्ट्रीय प्रयोगशाला ने बताया कि अमेरिका ने अपने स्टील्थ एफ-35ए लड़ाकू विमान से परिवहन किए जा सकने वाले बी61-12 परमाणु गुरुत्व बम के महत्वपूर्ण उड़ान परीक्षणों की शृंखला को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। प्रयोगशाला की तरफ से जारी रिपोर्टों के अनुसार, यह परीक्षण 19 अगस्त से 21 अगस्त तक नेवादा के टोनोपा टेस्ट रेंज में हुआ। इसमें यूटा के हिल एयर फोर्स बेस ने मदद की। परीक्षणों में बी61-12 की निष्क्रिय इकाइयों को एफ-35ए विमान से सफलतापूर्वक छोड़ा गया। इससे पता चला कि विमान, पायलट और बम सभी सही तरीके से काम कर रहे हैं।
अमेरिका की परमाणु सुरक्षा एजेंसी (एनएनएसए) ने बताया कि इस साल यह एफ-35 विमान पर बी61-12 बम का पहला परीक्षण था। यह परीक्षण यह देखने के लिए किया गया कि बम और विमान पूरी तरह काम करने के लिए तैयार हैं या नहीं। बी61-12 बम अमेरिका की परमाणु ताकत का हिस्सा है। इसे हाल ही में 20 साल और चलाने के लिए तैयार किया गया है। यह परीक्षण यह दिखाता है कि बम एफ-35 विमान के साथ पूरी तरह काम कर सकता है और भविष्य में परमाणु मिशनों के लिए भरोसेमंद है।
इस बम को पुराना होने की वजह से कई नई चीजें जोड़ी गई हैं। इसमें सुरक्षा के नए तरीके, बम को नियंत्रित करने के नए तरीके और विमान के साथ फिट होने की क्षमता शामिल है। नया बी61-12 बम बनाने की प्रक्रिया मई में शुरू हुई थी। इसे पूरा करने का काम 2026 तक खत्म होगा।सैंडिया प्रयोगशाला के जेफ्री बॉयड ने कहा कि यह परीक्षण बहुत मेहनत और योजना का नतीजा है। इस साल किए गए परीक्षण अब तक के सबसे बड़े परीक्षणों में शामिल हैं। इस परीक्षण में एक नई तकनीक भी इस्तेमाल की गई। बम को छोड़ने से पहले उसे गर्म और ठंडे माहौल में रखा गया। इससे यह सुनिश्चित हुआ कि बम हर तरह के मौसम और स्थिति में काम कर सके। बी61-12 बम पुराना बी61 बम का नया और मजबूत रूप है। इसे 1968 से अमेरिका और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के कई ठिकानों पर रखा गया है। इस बम की उम्र अब 20 साल और बढ़ा दी गई है। 

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