Bondi Beach: 'आतंकवाद के खिलाफ भारत-इस्राइल की शून्य सहिष्णुता नीति', जयशंकर ने की बॉन्डी बीच हमले की निंदा

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, यरुशलम Published by: देवेश त्रिपाठी Updated Tue, 16 Dec 2025 11:27 PM IST

भारत के विदेश मंत्री दो दिनों के इस्राइल दौरे पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अपने इस्राइली समकक्ष के साथ मुलाकात की। एस जयशंकर का ये दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब इस्राइली पीएम नेतन्याहू का प्रस्तावित भारत यात्रा की तैयारियां चल रही हैं।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को सिडनी के बॉन्डी बीच पर हनुक्का उत्सव के दौरान हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा कि भारत और इस्राइल दोनों की आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहिष्णुता की नीति है। जयशंकर मंगलवार को दो दिवसीय दौरे पर इस्राइल पहुंचे।  जयशंकर ने अपने इस्राइली समकक्ष गिदोन मोसे सार के साथ प्रेस को संबोधित करते हुए ये टिप्पणियां कीं।                                                                                                                                                                                                                                     एस जयशंकर ने कहा, 'सबसे पहले, मैं बॉन्डी बीच पर हनुक्का उत्सव के दौरान हुए आतंकी हमले में हुई जानमाल की हानि पर अपनी संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं। मैं कहना चाहता हूं कि भारत इसकी कड़ी निंदा करता है।'

उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को समर्थन देने के लिए इस्राइल को धन्यवाद दिया। ऑस्ट्रेलिया में बीते रविवार को यहूदी त्योहार हनुक्का बाय द सी के उत्सव के दौरान एक सभा पर दो बंदूकधारियों की ओर से किए गए हमले में कम से कम 15 लोग मारे गए और 40 अन्य घायल हो गए। इनकी पहचान 50 वर्षीय भारतीय नागरिक साजिद अकरम और उनके 24 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई बेटे नवीद अकरम के रूप में हुई है।                                                                                                                                                                        अकरम ने 27 साल पहले ऑस्ट्रेलिया में प्रवास किया था, लेकिन उनके पास भारतीय पासपोर्ट था। जयशंकर ने कहा, 'भारत और इस्राइल के संदर्भ में, हम दोनों ऐसे देश हैं जिनकी आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति है। आतंकवाद और उसके सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ हमारी लड़ाई में आपके निरंतर समर्थन के लिए हम आभारी हैं।'उन्होंने कहा कि वे दोनों देशों के बीच एक रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा करेंगे, जो पिछले दशक में वास्तव में बहुत महत्वपूर्ण रूप से विकसित हुई है। उन्होंने कहा, 'इसमें G2G आयाम, B2B आयाम और लोगों के बीच P2P आयाम भी शामिल हैं। और मैं कहूंगा कि आज वास्तव में ऐसे बहुत सारे क्षेत्र हैं जिनसे हमारा संबंध किसी न किसी रूप में जुड़ा हुआ है।'
जयशंकर ने कहा कि भारत और इस्राइल एक दूसरे के पूरक साझेदार हैं, और हमें इसका भरपूर फायदा उठाना चाहिए। उन्होंने गाजा शांति योजना के लिए भारत के समर्थन को दोहराया और आशा व्यक्त की कि इससे एक स्थायी और टिकाऊ समाधान निकलेगा।
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'हमने अपनी रणनीतिक साझेदारी और विभिन्न क्षेत्रों में इसकी आगे की प्रगति पर सार्थक चर्चा की। क्षेत्रीय घटनाक्रम, गाजा शांति योजना और स्थायी और टिकाऊ शांति प्राप्त करने के प्रयासों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।'
जयशंकर ने इस्राइली राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग से भी मुलाकात की। जयशंकर की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की भारत की प्रस्तावित यात्रा की तैयारियां चल रही हैं। नेतन्याहू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में फोन पर बातचीत की, जिसके बाद इस्राइली नेता ने कहा कि दोनों बहुत जल्द मिलेंगे। 

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