जाति प्रमाण पत्र पर आपत्ति में फंसी प्रक्रिया
भोपाल। राज्य पुलिस सेवा (एसपीएस) से भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में पदोन्नति के लिए 12 सितंबर को आयोजित विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक को निरस्त कर दिया गया है। अब यह बैठक 21 नवंबर को पुनः आयोजित की जाएगी। यह पहली बार है जब आईपीएस अवार्ड हेतु होने वाली डीपीसी को निरस्त कर दोबारा बुलाया गया है।
सूत्रों के अनुसार, पिछली डीपीसी के दौरान एक अधिकारी के सेवा अभिलेख और जाति प्रमाण पत्र को लेकर आपत्ति दर्ज की गई थी, जिसके कारण प्रक्रिया अटक गई थी। इस मामले में केंद्रीय लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने पुरानी डीपीसी को निरस्त करते हुए गृह विभाग को नए सिरे से बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। 12 सितंबर को हुई डीपीसी में एसपीएस के 1997 और 1998 बैच के कुल 15 अधिकारियों के नामों पर विचार किया गया था, जिनमें से पाँच को आईपीएस पद पर पदोन्नति की अनुशंसा की जानी थी। बैठक के दौरान वर्ष 1997 बैच के अधिकारी ’’अमृत मीणा’’ के जाति प्रमाण पत्र को लेकर आपत्ति सामने आई थी। इसी विवाद के चलते डीपीसी की कार्यवाही रोक दी गई थी। अब 21 नवंबर को होने वाली नई डीपीसी में सभी 15 अधिकारियों की गोपनीय अभिलेख (एसीआर) और पात्रता की पुनः जांच की जाएगी। इसके लिए पुलिस मुख्यालय और गृह विभाग को आवश्यक दस्तावेजों की दोबारा समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं।
जिन अधिकारियों के नामों पर विचार हुआ था
सीताराम ससात्या, अमृत मीणा, विक्रांत मुराव, सुरेंद्र कुमार जैन, आशीष खरे, राजेश रघुवंशी, निमिषा पांडे, राजेश कुमार मिश्रा, मलय जैन, अमित सक्सेना, मनीषा पाठक सोनी, सुमन गुर्जर, सव्यसाची सर्राफ, समर वर्मा और सत्येंद्र सिंह तोमर। नई डीपीसी में अब इन सभी अधिकारियों की पात्रता पर दोबारा फैसला होगा।