Bihar Election 2025: पहले चरण की 121 सीटों पर हुई 64.46 फीसदी वोटिंग, जनता का फैसला ईवीएम में कैद

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना Published by: शबाहत हुसैन Updated Thu, 06 Nov 2025 08:46 PM IST

Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटों पर शाम छह बजे तक करीब 64.46 फीसदी मतदान हुआ है। इन 121 सीटों पर चर्चित चेहरे मैदान में हैं। 

बिहार में विधानसभा चुनाव के तहत पहले चरण का मतदान खत्म हो गया है।अब तक 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर 64.46 फीसदी मतदान हुआ है। पहले चरण के मतदान में कुल 1314 उम्मीदवार मैदान में थे। इनमें 1192 पुरुष और 122 महिलाएं शामिल हैं। पहले चरण की 102 सीटें सामान्य वर्ग के लिए हैं, जबकि 19 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी। इस चरण में कुल 3 करोड़ 75 लाख 13 हजार 302 मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए आयोग ने साधन उपलब्ध कराए थे। इनमें 1 करोड़ 98 लाख 35 हजार 325 पुरुष, 1 करोड़ 76 लाख 77 हजार 219 महिलाएं, और 758 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल थ

 
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2020 में किस सीट पर कितने प्रतिशत हुई थी वोटिंग
क्रमांक विधानसभा नाम 2020 में पड़े वोट (%) 2025 (5 बजे तक) (%)
1 राघोपुर 58.03% 64.01%
2 तारापुर 55.00 58.33%
3 लखीसराय 52.78% 60.51%
4 मोकामा 54.01% 62.16%
5 दानापुर 52.49% 55.27%
6 महुआ 60.04% 54.88%
7 छपरा 50.99% 56.32%
8 अलीनगर 57.40% 58.05%
9 रघुनाथपुर 53.52% 51.18%
10 गरखा 57.53% 61.90%
11 बांकीपुर 35.91% 40.0%
12 भोरे 53.98% 61.05%
13 बनियापुर 52.84% 63.20%
14 गायघाट 57.45% 56.03%
15 सरायरंजन 60.86% 70.19%
16 गौड़ा बौराम 57.19% 50.80%
17 कल्याणपुर 57.93% 71.62%
18 जाले 54.14% 58.68%
19 मधेपुरा 62.06% 65.12%
20 सहरसा 61.22% 67.03%
21 परबत्ता 60.24% 56.93%
22 मुंगेर 48.73% 49.84%
राघोपुर विधानसभा
राघोपुर विधानसभा से पूर्व डिप्टी सीएम और लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव राजद से उम्मीदवार हैं। महागठबंधन ने इस बार तेजस्वी को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया है। तेजस्वी ने अपने चुनावी करियर की शुरुआत इसी सीट से की थी। 2015 और 2020 में वह इस सीट से जीत चके हैं। भाजपा ने यहां से पिछली बार के उम्मीदवार सतीश कुमार को टिकट दिया है। सतीश कुमार ने 2010 में जदयू के टिकट पर तेजस्वी यादव की मां और राजद की उम्मीदवार राबड़ी देवी को हराया था। जनसुराज ने चंचल कुमार को यहां मैदान में उतारा है। 
तारापुर विधानसभा
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी इस बार तारापुर से टिकट दिया गया है। इससे पहले वह परबत्ता सीट से राजद के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं। 2014 में वह राजद से अलग हो गए। 2020 में वह एमएलसी चुने गए। अब वह भाजपा के टिकट पर तारापुर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला राजद के अरुण कुमार से है।
लखीसराय विधानसभा
लखीसराय से भाजपा के टिकट पर लगातार तीन बार जीतने वाले विजय कुमार सिन्हा एक बार फिर यहां से मैदान में हैं। बिहार के उपमुख्मंत्री सिन्हा फरवरी 2005 में हुए चुनाव में पहली बार लखीसराय से जीते थे। 2005 अक्तूबर में हुए चुनाव में उन्हें राजद के फुलेना सिंह से हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन 2010 में उन्होंने अपनी सीट वापस ले ली। उनका मुकाबला कांग्रेस के अमरेष कुमार से है। 
मोकामा विधानसभा
बाहुबली और जदयू उम्मीदवार अनंत सिंह यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। मोकामा हुए हत्याकांड के बाद इस सीट की चर्चा पूरे देश में है। इस हत्याकांड का आरोप अनंत सिंह पर लगा है। उन्हें चुनाव प्रचार के बीच में गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद उनके प्रचार की कमान केंद्रीय मंत्री ललन सिंह के हाथ में रही। 
दानापुर विधानसभा
यहां से भाजपा ने पूर्व सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव को टिकट दिया है। रामकृपाल 2024 के लोकसभा चुनाव में पाटलीपुत्र सीट हार गए थे। उन्हें लालू यादव की बेटी मीसा भारती ने शिकस्त दी थी। रामकृपाल यादव के सामने राजद ने रीत लाल राय को उतारा है। रीत लाल 2020 के विधानसभा चुनाव में यहां से जीते थे।  
महुआ विधानसभा
लालू यादव के बडे़ बेटे तेज प्रताप यादव पांच साल बाद फिर अपनी बनाई पार्टी के टिकट पर मैदान में हैं। राजद ने यहां से मुकेश कुमार रौशन और जनसुराज से इंद्रजीत प्रधान को टिकट दिया है। 
छपरा विधानसभा
मशहूर भोजपुरी गायक और अभिनेता खेसारी लाल यादव की वजह से सारण जिले की छपरा सीट चर्चा में है। इस सीट से राजद ने महागठबंन की ओर से शत्रुघ्न यादव उर्फ खेसारी लाल यादव को मैदान में उतारा है। खेसारी लाल के खिलाफ भाजपा ने छोटी कुमारी और जनसुराज ने जयप्रकाश सिंह को टिकट दिया है। इस सीट पर कुल 10 उम्मीदवार मैदान में हैं
अलीनगर विधानसभा
यह इस प्रमंडल की सबसे चर्चित सीटों में से एक है। भाजपा ने यहां से लोक गायिका मैथिली ठाकुर को मैदान में उतारा है। राजद ने यहां से विनोद मिश्रा को टिकट दिया है। जनसुराज ने यहां से बिप्लव कुमार चौधरी को मैदान में उतारा है। 
रघुनाथपुर विधानसभा
सीवान जिले की इस सीट पर राजद ने बाहुबली शाहबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब को टिकट दिया है। जदयू ने यहां से विकास कुमार सिंह को उम्मीदवार बनाया है। वहीं जनसुराज की तरफ से राहुल कीर्ति मैदान में हैं। पिछले दो चुनावों से यहां राजद ने जीत दर्ज की है। दोनों बार यहां से राजद के हरिशंकर यादव को जीत मिली थी। पार्टी ने इस बार उनकी जगह ओसामा शहाब को टिकट दिया है।
गरखा विधानसभा
लोकजन शक्ति पार्टी (रामविलास) के सुप्रीमो चिराग पासवान के भांजे सीमांत मृणाल यहां से लोजपा (आर) के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। पिछली बार इस सीट पर भाजपा के उम्मीदवार को हार मिली थी। इस बार एनडीए गठबंधन में भाजपा ने यह सीट लोजपा के लिए छोड़ दी। राजद ने यहां से मौजूदा विधायक सुरेंद्र राम को ही टिकट दिया है। जनसुराज ने मनोहर कुमार राम को उम्मीदवार बनाया है। 
बांकीपुर विधानसभा 
इस क्षेत्र से अन्य चर्चित उम्मीदवार नीतिन नबीन हैं, वह बांकीपुर सीट से चार बार विधायक रह चुके हैं। 2025 के लिए भी भाजपा ने इन्हें मैदान में उतारा है। 2020 के चुनाव में इन्होंने शत्रुघन सिन्हा के बेटे लव सिन्हा को भारी मतों के साथ हराया था। इस बार यहां से राजद ने रेखा कुमारी को टिकट दिया है। वहीं, जनसुराज ने वंदना कुमार को मैदान में उतारा है। 
भोरे विधानसभा
यह सीट गोपालगंज जिले के अंदर आती है। इस सीट से वर्तमान विधायक सुनील कुमार बिहार सरकार में शिक्षा मंत्री हैं। उन्होंने 2020 के विधानसभा चुनाव में भाकपा माले के प्रत्याशी जितेंद्र पासवान को मात्र 462 वोटों के बेहद मामूली अंतर से हराकर जीत दर्ज की थी। इस बार भी सुनील कुमार को जदयू से टिकट मिला है। उधर, महागठबंधन की ओर से भाकपा माले के धनंजय मैदान में हैं। जनसुराज ने प्रीति किन्नर को टिकट दिया है। 
बनियापुर विधानसभा
सारण जिले बनियापुर सीट पर भाजपा ने केदार नाथ सिंह को टिकट दिया है। केदारनाथ इससे पहले यहां से लगातार तीन बार राजद के टिकट पर जीत चुके हैं। केदारनाथ चुनाव से पहले पाला बदलकर राजद से भाजपा में आए हैं। राजद ने यहां से चांदनी देवी को मैदान में उतारा है। जनसुराज के टिकट पर श्रवण कुमार मैदान में हैं। 
गायघाट विधानसभा
लोजपा सांसद वीणा देवी की बेटी कोमल सिंह मैदान में हैं। कोमल के पिता जदयू के एमएलसी हैं। जनसुराज ने अशोक कुमार सिंह और राजद ने निरंजन रॉय को मैदान में उतारा है। 
सरायरंजन विधानसभा
इस सीट पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और मौजूदा मंत्री विजय चौधरी को ही टिकट मिला है। जदयू के विजय कुमार चौधरी को इस सीट पर लगातार तीन बार जीत मिली है। 2010 से लगातार वह इस सीट पर जीतते आ रहे हैं। इससे पहले इस सीट पर कोई उम्मीदवार  लगातार तीन बार नहीं जीता था। वह नीतीश कैबिनेट में कई विभागों के मंत्री भी रह चुके हैं। राजद ने अरबिंद कुमार साहनी और जनसुराज ने साजन कुमार मिश्रा को टिकट दिया है। 
गौड़ा बौराम विधानसभा
यह सीट इसलिए चर्चा में है क्योंकि महागठबंधन में राजद और वीआईपी के साथ होने बावजूद यहां दोनों के प्रत्याशी आमने-सामने रहे हैं। भाजपा ने सुजीत कुमार सिंह, वीआईपी ने संतोष सहनी और राजद ने अफजल अली को मैदान में उतारा है। राजद ने अफजल अली को नामंकन वापस करने की बात भी कही थी, लेकिन उन्होंने ऐसा किया नहीं। इसके बाद पार्टी ने उन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था। बाद में अंतिम समय में मुकेश सहनी की पार्टी ने अपने उम्मीदवार को राजद के अफजल अली को समर्थन दे दिया है। यानी तकनीकी आधार पर फिलहाल इस सीट पर राजद के अफजल अली का मुकाबला भाजपा के सुजीत कुमार सिंह से है।
कल्याणपुर विधानसभा 
महेश्वर हजारी की वजह से यह हॉट सीटों में से एक है। जदयू के टिकट पर लड़ रहे महेश्वर हजारी समस्तीपुर से सांसद भी रह चुके हैं। भाकपा (माले) ने रंजीत राम को मैदान में उतारा है। 
जाले विधानसभा 
शहरी विकास एवं आवास विभाग के मंत्री जीवेश कुमार मिश्रा की वजह से यह सीट चर्चा में है। उन्हें एक बार फिर भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं कांग्रेस ने ऋषि मिश्रा को मैदान में उतारा है। 
मधेपुरा विधानसभा
मधेपुरा सीट भी काफी चर्चित सीट है। यहां से जदयू ने कविता साहा को टिकट दिया है। कविता वर्तमान में मधेपुरा नगर परिषद की मुख्य पार्षद हैं। एक साल पहले ही जदयू में शामिल हुई हैं। यह पहली बार है जब मधेपुरा सीट से किसी बड़े राजनीतिक दल ने किसी गैर-यादव को प्रत्याशी बनाया है। पिछले तीन चुनीवों में यहां राजद के चंद्रशेखर यादव को जीत मिली है। इस भी राजद ने इन्हें उम्मीदवार बनाया है। जनसुराज की तरफ से शशि कुमार यादव मैदान में हैं। 
सहरसा विधानसभा
यहां से महागठबंधन में शामिल इंडियन इंक्लुससिव पार्टी यानी आईआईपी के संस्थापक आईपी गुप्ता मैदान में हैं। आईआईपी को महागठबंधन में दो सीटें मिली हैं।
परबत्ता विधानसभा
1969 में सतीश प्रसाद सिंह परबत्ता सीट से ही चुनाव जीतकर राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। सम्राट चौधरी इसी सीट से राजद के टिकट पर जीतकर पहली बार 2000 और फिर 2010 में विधानसभा पहुंचे थे। 2004 से 2015 के बीच जदयू के रामानंद प्रसाद यादव यहां से चार बार विधायक रहे। 2020 में उनके बेटे संजीव कुमार को जदयू के टिकट पर इसी सीट पर जीत मिली थी। इस चुनाव से ऐन पहले संजीव कुमार ने जदयू का साथ छोड़ राजद का दामन थाम लिया। इस बार संजीव कुमार यहां से राजद उम्मीदवार हैं। वहीं, जदयू ने अपना गढ़ रही इस सीट को लोजपा के लिए छोड़ दिया है। लोजपा से बाबू लाल शौर्य को टिकट मिला है। 
मुंगेर विधानसभा
यहां से भाजपा ने कुमार प्रणय को टिकट दिया है। पहले चरण में किस्मत आजमा रहे 1314 उम्मीदवारों में प्रणय सबसे अमीर हैं।  कुमार प्रणय ने अपने शपथ पत्र में कुल 170 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है। राजद ने यहां से अविनाश विद्यार्थी को और जनसुराज ने संजय कुमार सिंह को मैदान में उतारा है। हालांकि चुनाव से ऐन वक्त पर जनसुराज पार्टी के प्रत्याशी संजय कुमार ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है।

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