दिल्ली में हुए ब्लास्ट के बाद हरियाणा का नूंह जिला जांच एजेंसियों के रडार पर आ गया है। पिछले एक सप्ताह में यहां से पांच संदिग्धों को हिरासत में लिया जा चुका है, जिनमें तीन एमबीबीएस डॉक्टर, एक खाद विक्रेता और एक इमाम शामिल बताया जा रहा है। लगातार हो रही कार्रवाई से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है।
अल फलाह यूनिवर्सिटी - फोटो : अमर उजाला
दो की पढ़ाई अल-फलाह यूनिवर्सिटी से चल रही
गुरुवार देर रात फिरोजपुर झिरका क्षेत्र में केंद्रीय जांच एजेंसियों ने दो और डॉक्टरों को उठाया। हिरासत में लिए गए युवकों की पहचान सुनहेड़ा निवासी डॉ. मुस्तकीम और अहमदबास निवासी डॉ. मोहम्मद के रूप में हुई है। दोनों की पढ़ाई अल-फलाह यूनिवर्सिटी (फरीदाबाद) से चल रही थी।
अल फलाह यूनिवर्सिटी - फोटो : अमर उजाला
डॉ. मुस्तकीम ने चीन से किया था एमबीबीएस
सूत्रों के अनुसार, डॉ. मुस्तकीम ने चीन से एमबीबीएस किया था और 2 नवंबर को अल-फलाह यूनिवर्सिटी में अपनी इंटर्नशिप पूरी की थी। वहीं डॉ. मोहम्मद भी वहीं से एमबीबीएस कर इंटर्नशिप कर रहे थे। बताया जा रहा है कि दोनों की पहचान और नजदीकी संबंध संदिग्ध आतंकी उमर से थे।
इस अस्पताल में काम करता था रिहान - फोटो : अमर उजाला
डॉ. रिहान निजी अस्पताल में कर रहा था काम
उमर की कार दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर सीसीटीवी में कैद हुई थी, जिसका वीडियो वायरल है। इससे पहले भी नूंह से एक डॉक्टर और एक खाद विक्रेता को हिरासत में लिया गया था। खाद विक्रेता पर अमोनियम नाइट्रेट बेचने का शक जताया गया है। नूंह शहर से कुछ दिन पहले डॉ. रिहान को भी उठाया गया था, जो तावडू के एक निजी अस्पताल में कार्यरत थे और अल-फलाह से ही पढ़े थे। लगातार मेडिकल छात्रों और डॉक्टरों की गिरफ्तारी से अभिभावकों में भारी चिंता व्याप्त है, क्योंकि मेवात क्षेत्र से बड़ी संख्या में छात्र अल-फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करते हैं। जिले में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
जानकारी देते ग्रामीण - फोटो : अमर उजाला
दो बार सुनहेडा गांव पहुंची जांच टीम
डॉ. मुस्तकीम के परिजनों ने पुष्टि की कि उन्हें फरीदाबाद सीआईए की टीम लेकर गई है। परिजनों के अनुसार, दिल्ली ब्लास्ट के बाद जांच एजेंसियों के दो अधिकारी सुनहेड़ा गांव पहुंचे थे और कई घंटों तक डॉ. मुस्तकीम से आमने-सामने पूछताछ भी की थी, लेकिन तब उन्हें हिरासत में नहीं लिया गया था। इसके बाद गुरुवार को दोबार से जांच टीम गांव में पंहुची और मुस्तकीम को पूछताछ के लिए हिरासत में लेकर गई। परिवार का कहना है कि मुस्तकीम का चाल-चलन अच्छा था और वह किसी भी गलत गतिविधि में शामिल नहीं हो सकता। परिजनों ने यह भी बताया कि डॉ. उमर, जो अल-फलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर था, उससे वे कई बार इलाज संबंधी सलाह के लिए फोन पर संपर्क करते थे।
राजनीतिक और शिक्षित घराने से हैं डॉ. मोहम्मद
फिरोजपुर झिरका के अहमदबास निवासी डॉ. मोहम्मद का परिवार नूंह जिले के शिक्षित और राजनीतिक घराने से माना जाता है। इलाके में उनका अच्छा प्रभाव है। हिरासत में लिए जाने के बाद से उनके घर पर सन्नाटा पसरा है और कोई भी मामले पर बोलने को तैयार नहीं है।
जांच एजेंसियों की नजरें अभी भी नूंह पर
एनआईए, दिल्ली पुलिस और अन्य केंद्रीय एजेंसियां लगातार क्षेत्र में छापेमारी कर रही हैं। शुक्रवार को भी जांच टीमें जिले के कई स्थानों पर पहुंचीं और लोगों से पूछताछ की। सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।