भगवान राम के नाम का राजनीतिक दुरुपयोग कर रही भाजपा

मनरेगा और गांधी के नाम से चिढ़ हो गई
भोपाल। पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि भाजपा सरकार को महात्मा गांधी के नाम से चिढ़ है, इसी वजह से गांधी जी से जुड़ी योजनाओं और संस्थाओं के नाम बदले जा रहे हैं। उन्होंने इसे महात्मा गांधी के विचारों और योगदान का अपमान बताया।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य एवं पूर्व पंचायत मंत्री कमलेश्वर पटेल ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की वर्तमान स्थिति को गंभीर बताते हुए कहा कि भाजपा सरकार न तो पंचायतों पर ध्यान दे रही है और न ही ग्रामीण जनता और किसानों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील है। सरकार केवल योजनाओं के नाम बदलने में लगी हुई है, जबकि जमीनी स्तर पर विकास और रोजगार की स्थिति लगातार कमजोर होती जा रही है। पटेल ने कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में पंचायतों को संवैधानिक अधिकार दिए गए थे। इन्हीं अधिकारों के तहत महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को प्रभावी रूप से लागू किया गया, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन हुआ। इस योजना के माध्यम से गांवों में सड़कों का निर्माण, स्टॉप डैम, तालाब और अन्य आधारभूत ढांचे का विकास हुआ। ग्रामीणों को अपने ही गांव में काम मिला, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई।
नाम बदलना जनता को भ्रमित करने वाला कदम
पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने मनरेगा का नाम बदलकर ‘जीरामजी’ कर दिया है, जो जनता को भ्रमित करने वाला कदम है। उन्होंने कहा कि केवल नाम बदलने से योजना की आत्मा नहीं बदलती और न ही इससे रोजगार के अवसर बढ़ते हैं। पटेल ने सवाल उठाया कि सरकार इस नए नाम का पूरा अर्थ स्पष्ट क्यों नहीं कर रही है और आधा-अधूरा नाम रखकर जनता को गुमराह क्यों किया जा रहा है।  उन्होंने महात्मा गांधी ग्राम सेवा केंद्र का नाम बदलकर अटल ई-सेवा केंद्र किए जाने पर भी कड़ी आपत्ति जताई।

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