दिग्विजय ने उठाए संगठन पर सवाल, तारीफ की भाजपा के कैडर की

सोशल मीडिया पोस्ट से राजनीतिक गलियारों में मची हलचल
भोपाल। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह के हालिया सोशल मीडिया पोस्ट्स ने न केवल कांग्रेस के भीतर, बल्कि पूरे देश की राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है। दिग्विजय सिंह ने अपनी ही पार्टी के संगठनात्मक ढांचे पर सीधा प्रहार करते हुए राहुल गांधी को संबोधित किया है। उनके इस बयान को कांग्रेस के भीतर सुलग रहे उस असंतोष की सार्वजनिक अभिव्यक्ति माना जा रहा है, जिसे अब तक बंद कमरों की चर्चा समझा जाता था।
दिग्विजय सिंह ने अपने पोस्ट में देश के चुनाव आयोग में सुधार की तुलना कांग्रेस संगठन से कर डाली। उन्होंने लिखा कि जिस तरह लोकतांत्रिक संस्थाओं में सुधार की दरकार है, वैसे ही कांग्रेस को भी विकेंद्रीकरण और बड़े बदलावों की आवश्यकता है। इससे पहले, 19 दिसंबर को भी दिग्विजय सिंह ने राहुल गांधी को सलाह दी थी कि कांग्रेस पर ध्यान दें और उन्हें व्यावहारिक विकेंद्रीकृत कार्यशैली की जरूरत है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पर लिखा था, राहुल जी, सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर आपकी राय बिल्कुल सटीक है। लेकिन अब कृपया कांग्रेस पर भी ध्यान दें। चुनाव आयोग की तरह, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को भी सुधारों की आवश्यकता है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह टिप्पणी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की कार्यशैली और निर्णय लेने की प्रक्रिया पर एक बड़ा सवालिया निशान है।
भाजपा के कार्यकर्ता मॉडल का दिया हवाला
दिग्विजय सिंह यहीं नहीं रुके। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर साझा करते हुए आरएसएस-भाजपा संगठन की कार्यप्रणाली की सराहना की। उन्होंने लिखा संगठन की शक्ति के बदौलत नेताओं के चरणों में बैठने वाले व्यक्ति को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला। दिग्विजय सिंह ने लिखा कि क्योरा पर मुझे यह चित्र मिला। बहुत ही प्रभावशाली है। किस प्रकार आरएसएस का जमीनी स्वयंसेवक व जनसंघ का कार्यकर्ता नेताओं की चरणों में फर्श पर बैठकर प्रदेश का मुख्यमंत्री व देश का प्रधानमंत्री बना। यह संगठन की शक्ति है। दृसिंह यह बयान कांग्रेस की उस संस्कृति पर सीधा प्रहार है जहां गुटबाजी और आलाकमान की करीबी अक्सर योग्यता पर भारी पड़ती है। भाजपा के कैडर-आधारित तंत्र की तारीफ कर दिग्विजय ने अपनी ही पार्टी को आईना दिखाने की कोशिश की है।
सार्वजनिक मंच पर असंतोष की गूंज
दिग्विजय सिंह के इन पोस्ट्स ने पार्टी के भीतर सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस के कई नेताओं का कहना है कि उन्होंने जो मुद्दे उठाए हैं, वे नए नहीं हैं, लेकिन पहली बार किसी बड़े कद के नेता ने इन्हें सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है। यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि दिग्गज नेता अब पार्टी के भीतर यथास्थिति को बदलने के मूड में हैं। फिलहाल, इन बयानों पर आलाकमान की चुप्पी ने सस्पेंस और बढ़ा दिया है।
बाद में दी सफाई
मामला जब गर्माया तो खुद दिग्विजय सिंह ने सफाई भी दी। कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के बाद दिग्विजय सिंह ने कहा कि दरअसल, मैंने पार्टी संगठन की तारीफ की थी। लोगों ने मेरी बात को गलत समझा। मैं भाजपा और आरएसएस का कट्टर विरोधी हूं।

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