अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने एक साथ नौ लाख प्रवासियों को बड़ा झटका दिया है। बाइडन प्रशासन के समय शुरू की गई सीबीपी वन एप नीति के तहत ये प्रवासी अमेरिका आए थे। ट्रंप प्रशासन ने इस नीति को पलटते हुए इन प्रवासियों के लीगल परमिट रद्द कर दिया है और इनसे तत्काल अमेरिका छोड़कर जाने को कहा गया है। इसमें किसी भारतीय के शामिल होने की अब तक कोई सूचना नहीं है।जनवरी 2023 से पिछले साल दिसंबर तक सीबीपी वन एप का उपयोग करके मेक्सिको की सीमा से 936,500 लोग अमेरिका में घुसे थे। इन्हें पैरोल नामक राष्ट्रपति के अधिकार के तहत काम करने के अधिकार के साथ दो साल तक अमेरिका में रहने की अनुमति मिली थी। ट्रंप प्रशासन के होमलैंड सुरक्षा विभाग ने कहा कि अमेरिकी लोगों और देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए अब इन पैरोल को रद्द कर दिया गया है।
ट्रंप ने बाइडन की कई नीतियां खत्म की
ट्रंप ने बाइडन की कई नीतियों को पलटते हुए उनसे लाभान्वित होने वाले लोगों के अमेरिका में रहने के अधिकार को खत्म कर दिया। होमलैंड सुरक्षा विभाग ने सोमवार को कहा कि बाइडन ने 1952 में गठन के बाद से पैरोल के अधिकार का सबसे अधिक उपयोग करके अमेरिका को इतिहास के सबसे खराब सीमा संकट की तरफ बढ़ा दिया है। विभाग ने पिछले महीने कहा था कि वह एक दूसरे तरह के पैरोल को भी रद्द कर रहा, जिसके जरिये क्यूबा, हैती, निकारागुआ और वेनेजुएला से 5.32 लाख लोग अपने खर्चे पर अमेरिका आए थे। इसकी समय सीमा 24 अप्रैल को खत्म हो रही है।
11 प्रवासियों का अस्थायी संरक्षित दर्जा खत्म किया
ट्रंप प्रशासन ने 6,00,000 वेनेजुएलावासियों और लगभग 5,00,00 हैतीवासियों के लिए अस्थायी संरक्षित दर्जे (टीपीएस) को समाप्त करने की भी घोषणा की है। हालांकि एक संघीय न्यायाधीश ने अस्थायी रूप से इसे रोक दिया है, जिसमें लगभग 3,50,000 वेनेजुएलावासी शामिल हैं, जिनका सोमवार को ही टीपीएस दर्जा खत्म होना था। टीपीएस उन लोगों को 18 महीने के लिए दिया जाता है जो पहले से ही अमेरिका में हैं और जिनके देश प्राकृतिक आपदा या नागरिक संघर्ष के कारण वापसी के लिए असुरक्षित माने जाते हैं।