मुंबई आतंकी हमलों के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है। राणा को लेकर दिल्ली पहुंची राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष टीम में तीन अधिकारियों का सबसे अहम रोल रहा। जिन अधिकारियों ने राणा को अमेरिका से भारत लाने में अहम भूमिका निभाई है, उसमें 1997 बैच के झारखंड कैडर के आईपीएस आशीष बत्रा, छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस अधिकारी प्रभात कुमार के अलावा झारखंड कैडर की महिला आईपीएस जया रॉय शामिल हैं नक्सलियों से मुकाबले से बनाई पहचान
झारखंड कैडर के आईपीएस बत्रा वर्तमान में एनआईए में महानिरीक्षक (आईजी) के पद पर तैनात हैं। बत्रा को 2019 में पांच साल के कार्यकाल के लिए एनआईए में भेजा गया था, जिसे दो साल के लिए 15 सितंबर, 2024 तक बढ़ा दिया गया है। वह एनआईए में आने से पहले नक्सलियों से मुकाबले के लिए गठित झारखंड जगुआर के आईजी थे। उन्होंने झारखंड पुलिस प्रवक्ता के रूप में भी काम किया है और आईजी अभियान के रूप में अतिरिक्त कार्यभार संभाला है। तेज-तर्रार अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं प्रभात
छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस प्रभात कुमार इस वक्त एनआईए में पुलिस अधीक्षक (एसपी) की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। उन्होंने राणा के प्रत्यर्पण वाली टीम के साथ काम किया और उसे भारत लाने में तैयारियों को संभाला। उन्होंने दिल्ली एयरपोर्ट से एनआईए के ऑफिस तक कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी भी संभाली। उन्हें एक जांबाज और तेज तर्रार आईपीएस के रूप में जाना जाता है।
जया ने साइबर अपराधियों पर कसी नकेल
बत्रा की तरह महिला अफसर जया रॉय भी झारखंड कैडर से आती हैं। वह वर्तमान में एनआईए में डीआईजी के पद पर तैनात हैं। उन्हें 2019 में चार साल के कार्यकाल के लिए पुलिस अधीक्षक (एसपी) के रूप में एनआईए में नियुक्त किया गया था, जिसे बाद में बढ़ा दिया गया। रॉय को जामताड़ा में साइबर अपराधियों पर नकेल कसने वाली टीम का नेतृत्व करने के लिए जाना जाता है। यह एक ऐसा मामला था, जिस पर एक चर्चित वेब सीरीज बन चुकी है।