पर्यटन विभाग ने की पहचान, नब्बे साल की लीज पर लेने की तैयारी
भोपाल। प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग द्वारा प्राचीन किलों को लीज पर लेकर हेरीटेज होटल बनाए जाने का काम तेजी से किया जा रहा है। इसके चलते कुछ किलों को होटल के लिए लीज पर लिया जा चुका है और कुछ किले लीज पर लेने की प्रक्रिया जारी है। पर्यटन विभाग द्वारा इन किलों को नीलामी के तहत नब्बे साल के लिए लीज पर लेगा।
र्प्यटन विभाग द्वारा लीज पर लिए जाने वाले किलो में पन्ना का महेन्द्र भवन, मांडू का लोनेरा सराय भी ष्शमिल है। इनमें जीर्णोद्धार का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है। वहीं छतरपुर के राजगढ़ महल को हेरिटेज होटल के रूप में विकसित करने का करीब नब्बे फीसदी काम पूरा हो चुका है और यह एक-दो साल में चालू हो सकता है। वहीं भोपाल स्थित ताजमहल को हेरिटेज होटल के रूप में विकसित करने के लिए लीज पर दिया गया है। भोपाल के बेनजीर महल, ग्वालियर के मोती महल और पन्ना के महेन्द्र भवन का मालिकाना हक भी पर्यटन विभाग को मिल गया है। इन्हें भी हेरिटेज होटल के रूप में विकसित किया जाएगा। इनके अलावा रीवा का क्योटी किला, जबलपुर का रॉयल होटल, कटनी का विजयराघवगढ़ किला, श्योपुर का श्योपुर किला, शिवपुरी का नरवर किला, लुनेरा का सरायी मांडू, मुरैना का सबलगढ़ किला और टीकमगढ़ का बल्देवगढ़ किला हेरिटेज सम्पत्ति बैंक के रूप में उपलब्ध है। इन्हें भी हेरिटेज होटल के रूप में विकसित किया जा रहा है।
विभाग का मानना है कि हेरीटेज होटल के रूप में लाने के पहले किलो की ऐसी संपत्तियों का जीर्णोद्धार कर उनकी विशेष देखभाल की जरूरी होती है। इसे इस तरह से किया जाना चाहिए कि हेरिटेज संपत्तियों का मूल स्वरूप न बदले। यदि कोई पेंटिंग फीकी पड़ गई है, तो उसे उसी तरह से फिर से आकार दिया जाए ताकि उसकी चमक फीकी ना पड़े।