'कई सांसद-विधायकों पर दर्ज हैं गंभीर आपराधिक मामले', जीतू पटवारी ने कहा- पुलिसकर्मियों को जनप्रतिनिधियों को सैल्यूट करने का फैसले ठीक नहीं

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आपराधिक मामलों वाले सांसदों-विधायकों को सैल्यूट करने के पुलिस आदेश का विरोध किया है। उन्होंने इसे अनुचित बताते हुए निर्णय पर पुनर्विचार की मांग की है। भाजपा ने पलटवार करते हुए सैल्यूट को लोकतांत्रिक सम्मान बताया और कांग्रेस नेताओं पर भी आपराधिक आरोपों का हवाला दिया।

By Anurag Mishra Edited By: Anurag Mishra Publish Date: Sun, 27 Apr 2025 09:59:12 PM (IST)
Updated Date: Sun, 27 Apr 2025 09:59:12 PM (IST

HighLights

  1. जीतू पटवारी ने आपराधिक नेताओं को सैल्यूट का विरोध किया।
  2. पुलिसकर्मियों की निष्पक्षता पर सवाल उठने की आशंका जताई।
  3. भाजपा ने सैल्यूट को अनुशासन और आदर का प्रतीक बताया।

राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। प्रदेश में भाजपा के 9 सांसदों और 51 विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें 16 प्रतिशत पर गंभीर आपराधिक प्रकरण हैं। ऐसे में पुलिसकर्मियों को सांसद-विधायकों को सैल्यूट करने का निर्णय किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। इस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए।

तथ्यों के साथ यह मांग प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना को पत्र लिखकर की है।

उन्होंने कहा कि सांसदों-विधायकों से जुड़े आपराधिक प्रकरणों के आंकड़ों को देखते हुए पुलिस द्वारा उन्हें सैल्यूट करना कहीं से भी उचित नहीं कहा जा सकता है। पुलिस का प्राथमिक दायित्व कानून-व्यवस्था बनाए रखना, अपराध की जांच करना और उसकी रोकथाम करना है।

पुलिसकर्मी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले नेताओं को सैल्यूट करेंगे, तो उनकी निष्पक्षता और स्वतंत्रता पर प्रश्न उठेगा। ऐसी स्थिति में पुलिसकर्मी दबाव में आ सकते हैं। समाज में अपराध के प्रति गलत संदेश भी जाएगा। इन तथ्यों की रोशनी में सांसदों और विधायकों को सैल्यूट करने के निर्णय की समीक्षा करके उसे वापस लिया जाए।

सैल्यूट अनुशासन और आदर की अभिव्यक्ति

  • सांसदों, विधायकों को पुलिस द्वारा सैल्यूट करने के आदेश के बाद छिड़ी बहस के बीच भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने जीतू पटवारी के बयानों पर पलटवार किया। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि सैल्यूट अनुशासन और आदर की अभिव्यक्ति है।
  • लोकतंत्र में जनप्रतिनिधि का सम्मान उनको चुनने वाली जनता का सम्मान होता है। यह तथ्य कांग्रेस जैसे दल के नेताओं के लिए समझना कठिन हो सकता है, जो राजशाही, सामंतवाद या परिवारवाद के सिद्धांतों पर विश्वास रखते हैं।
  • मैं आपको (जीतू पटवारी) यह बताना चाहता हूं कि पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी यह आदेश कोई नया आदेश नहीं है। अग्रवाल ने कहा कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 66 विधायकों में से 38 (58 प्रतिशत) पर आपराधिक मामले हैं। इनमें से 17 विधायक (26 प्रतिशत) गंभीर अपराधों में लिप्त हैं। सिर्फ विधायक ही नहीं, बल्कि कांग्रेस के शीर्ष नेता, जैसे कि पार्टी अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, उपनेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भी गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं।

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