पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाकर आतंक का समर्थन करने वालों को कड़ा संदेश दिया है। 'ऑपरेशन सिंदूर' पूरा करने के बाद भारतीय सेना ने प्रेस ब्रीफिंग की। खास बात ये रही कि प्रेस ब्रीफिंग में भारतीय सेना की दो महिला अधिकारी मौजूद रहीं। जिनकी चर्चा भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में हो रही है। हर कोई इन दोनों महिला अफसरों के बारे में विस्तार से जानना चाहता है कि इनका जन्म कहां हुआ, शिक्षा कहां ली, सेना में भर्ती कब हुईं। इन्हीं में से एक नाम है कर्नल सोफिया कुरैशी का।
कर्नल सोफिया कुरैशी का नाम चर्चा में आते ही मध्य प्रदेश का सीना गर्व से फूल गया। दरअसल, सोफिया कुरैशी का परिवार शुरू में छतरपुर जिले के नौगांव में रहा। सोफिया कुरैशी ने पहली से तीसरी कक्षा तक नौगांव के जीडीसी स्कूल से पढ़ाई की। सोफिया का जन्म 1976 में पुणे में हुआ था। जन्म के बाद इनके पिता परिवार को लेकर नौगांव में शिफ्ट हुए। सोफिया के पिता का पुश्तैनी मकान नौगांव में ही है।
पिता ताज कुरैशी भी थे सेना में कर्नल
सोफिया के पिता ताज मोहम्मद कुरैशी भी सेना में कर्नल थे। जब पुणे से कर्नल ताज मोहम्मद कुरैशी का ट्रांसफर नौगांव हुआ तो वह यहां शिफ्ट हुए। इसके बाद ताज मोहम्मद कुरैशी का ट्रांसफर रांची और फिर बड़ौदा हुआ। बड़ौदा में आगे की पढ़ाई करके सोफिया कुरैशी ने सेना ज्वॉइन की। सोफिया कुरैशी की शादी सेना में कर्नल ताजुद्दीन से हुई है।
बहन को देख भावुक हुए भाई
नौगांव में सोफिया कुरैशी के बुआ रहती हैं। जैसे ही ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना की प्रेस ब्रीफिंग हुई और सोफिया कुरैशी ने पत्रकारों को संबोधित किया तो पूरे नौगांव के साथ ही छतरपुर में खुशी की लहर फैल गई। नौगांव की बेटी ने पूरी दुनिया को बता दिया कि भारत की महिलाएं बहादुरी में सबसे आगे हैं। नौगांव में रहने वाले सोफिया कुरैशी के ममेरे भाई बंटी सुलेमान प्रेस वार्ता में अपनी बहन को देखकर काफी भावुक हो गए और उनका सीना गर्व से फूल गया। बता दें कि सोफिया कुरैशी की मां का नाम हलीमा बेगम हैं। वह यूपी हमीरपुर की रहने वाली हैं। नौगांव के समाजसेवी सनातन रावत भी सोफिया कुरैशी के परिवार को भलीभांति जानते हैं। जैसे उन्होंने सोफिया कुरैशी के बारे में सुना तो खुशी से उछल पड़े और बोले हमें गर्व है ऐसी बेटी पर।
पिता और दादा की तरह सोफिया ने भी पकड़ी सेना की राह
सोफिया के ममेरे भाई बंटी सुलेमान कहते हैं कि सोफिया और सायना दो बहनें हैं। सोफिया का जन्म 1976 में पुणे में हुआ था। उसके बाद वह नौगांव आ गईं। यहां हमारे नाना थे और सोफिया के दादा। वह नौगांव में ही सेना में भर्ती हुए थे। सुलेमान बताते हैं कि कैसे सोफिया के परिवार में वो तीसरी पीढ़ी है, जिन्होंने सेना में भर्ती होकर देश सेवा का संकल्प लिया। सोफिया के पिता ताज मोहम्मद कुरैशी भी आर्मी में थे। सुलेमान कहते हैं कि जिस घर में मैं बैठा हूं। इसी घर में उनकी परवरिश हुई। नौगांव के जीसीडी स्कूल में सोफिया ने पहली से तीसरी कक्षा तक की पढ़ाई की है।
जिसे पीठ पर बैठाकर स्कूल ले जाता था, ऐसी बहन पर गर्व है
भाई बंटी सुलेमान गर्व करते हुए कहते हैं कि आज इतना फक्र को रहा है कि आतंकवादियों ने जिनके घर के चिराग बुझा दिए थे, भारतीय सेना और हमारी सरकार ने उसका बदला ले लिया और मेरी बहन भी उस ऑपरेशन का हिस्सा है। वह बचपन को याद करते हुए कहते हैं कि जब वो छोटी थी तो कई बार कहती थी कि भैय्या थक गए हैं, पीठ पर बिठा लो और मैं उसे स्कूल ले जाया करता था। आज उसी बहन ने मेरा सीना चौड़ा कर दिया।