बर्खास्तगी ना होने तक कांग्रेस लड़ेगी सेना के सम्मान की लड़ाई

कांग्रेस करेगी प्रदेशभर में प्रदर्शन, राज्यपाल से मुलाकात करेंगे कांग्रेसी
भोपाल। प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद भी भाजपा संगठन ने कार्रवाई नहीं की और ना ही सरकार ने उनका इस्तीफा लिया है। इसे लेकर कांग्रेस और आक्रामक हो गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि जब तक मंत्री की बर्खास्तगी नहीं होगी, तब तक कांग्रेस सेना के सम्मान की लड़ाई लड़ती रहेगी। साथ ही प्रदेशभर में प्रदर्शन किए जाएंगे।  
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रधानमंत्री मोदी और प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मंत्री विजय शाह की बर्खास्तगी की मांग को लेकर कांग्रेस नेता कल  16 मई को राज्यपाल से मिलने राजभवन जाएंगे। राज्यपाल से मुलाकात के लिए 16 मई की सुबह साढ़े दस बजे का वक्त मिला है। पटवारी ने कहा कि एफआईआर के बाद मुख्यमंत्री को मंत्री का इस्तीफा लेना चाहिए था, लेकिन सरकार और भाजपा इस एफआईआर को निरस्त कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट से राहत की कोशिश में जुट गई है। विजय शाह से जो गलती हुई, उन्होंने जो विवाद पैदा करने की कोशिश की, यह वही विचार है, जो भाजपा फैलाती है।
महिला कांग्रेस ने किया प्रदर्शन
राजधानी भोपाल में मंत्री विजय शाह के बंगले पर प्रदर्शन करने पहुंची महिला कांग्रेस की कार्यकर्ताओं को पुलिस ने बीच रास्ते में ही बैरिकेडिंग कर रोक लिया। श्यामला हिल्स स्थित उनके बंगले पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात रही। महिला कांग्रेस अध्यक्ष विभा पटेल ने बयान देते हुए कहा कि सरकार तत्काल प्रभाव से मंत्री को बर्खास्त करें। महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मंत्री ने देश, सेना और महिलाओं का अपमान किया है। पुलिस हमारी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि मंत्री पहले भी विवादित बयान दे चुके है। भाजपा उन्हें बचाने में जुटी हुई है।
असंवेदनशील है भाजपा सरकार
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा मनोज यादव ने कहा कि इस पूरे मामले में प्रदेश सरकार की चुप्पी और निष्क्रियता इस पूरे प्रकरण में और भी अधिक शर्मनाक है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब मंत्री का बयान सार्वजनिक हुआ, तब राज्य सरकार ने अपने स्वविवेक से कोई कार्रवाई नहीं की। केवल हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई कृ यह दर्शाता है कि सरकार की नैतिक चेतना कितनी कमजोर हो चुकी है।  इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री और पार्टी नेतृत्व ने ना तो इस अशोभनीय टिप्पणी की आलोचना की, ना ही अपने मंत्री की कोई सार्वजनिक भर्त्सना की। इससे साफ जाहिर होता है कि भाजपा सरकार महिला सम्मान, कानून व्यवस्था और प्रशासनिक सेवा की गरिमा के प्रति पूरी तरह असंवेदनशील है।
बर्खास्तगी में असमंजस आश्चर्य का विषय
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा कि कांग्रेस के कहने सुनने से हमें क्या मतलब, नैतिकता और देशभक्ति पर कांग्रेस खरी उतर ही नहीं पाई किंतु हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा दी गई नसीहतों का तो हम ध्यान रखें। उन्होंने स्वयं पहलगाम की घटना से लेकर आज तक जो शौर्य एवं धैर्य का परिचय दिया उससे दुनिया चकित हुई और पूरा भारत उनके साथ खड़ा है।  उन्होंने कहा कि हमारे राज्य के मेरे सगे भाई जैसे प्रिय मंत्री को या तो हम बर्खास्त करें या वह इस्तीफा दे दें, क्योंकि उनका  असभ्य कथन हम सबको शर्मिंदा कर रहा है, उनकी बर्खास्तगी में असमंजस आश्चर्य का विषय है।

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