एनएसओ छात्र संगठन का प्रदर्शन
भोपाल में सोमवार को छात्र-छात्राओं का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा। मुख्यमंत्री निवास की ओर बढ़ रहे एनएसओ छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं ने चार साल से बंद पड़ी छात्रवृत्तियों को लेकर जबरदस्त प्रदर्शन किया। आंदोलन की अगुवाई प्रदेश अध्यक्ष सुभाष कुशवाहा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीपक सिंह और राष्ट्रीय महासचिव आविद मंसूरी ने की।
दो छात्राएं बेहोश होकर गिर पड़ीं
जैसे ही प्रदर्शनकारी पॉलिटेक्निक चौराहा पहुंचे, पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इसी दौरान धक्का-मुक्की और नारेबाजी तेज हो गई। स्थिति इतनी बिगड़ी कि दो छात्राएं बेहोश होकर गिर पड़ीं। उन्हें तत्काल फर्स्ट ऐड दी गई। छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने आंदोलन कुचलने के लिए लाठीचार्ज की धमकी दी और कई छात्रों को जबरन वैन में बैठा लिया। आंदोलनकारियों ने उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला के नाम ज्ञापन सौंपते हुए चेतावनी दी कि यदि दो दिन में छात्रवृत्ति वितरण की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई तो वे फिर से भोपाल में महाआंदोलन करेंगे।चार साल से स्कॉलरशिप बंद, छात्र कर्ज में डूबे
संगठन के अध्यक्ष गोपाल पाराशर ने कहा मध्यप्रदेश सरकार पिछले चार वर्षों से एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के नर्सिंग छात्रों की छात्रवृत्तियाँ रोककर रखी हुई है। कॉलेज फीस न भर पाने की वजह से छात्रों के परीक्षा फॉर्म तक नहीं भरे जा रहे हैं। सरकार की यह चुप्पी गरीब छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ है।संगठन ने ईडब्ल्यूएस वर्ग के गरीब छात्रों को भी छात्रवृत्ति के दायरे में शामिल करने की मांग दोहराई। सरकार औरंगजेब की तरह तानाशाही पर उतरी
प्रदेश उपाध्यक्ष राघवेन्द्र लोधी और प्रदेश महासचिव सचिन ने कहा कि सरकार छात्रों की आवाज दबाने के लिए पुलिस का सहारा ले रही है। विरोध करने पर छात्रों को जेल भेजने की धमकी दी जा रही है। लेकिन एनएसओ न झुका है, न झुकेगा चाहे भूख हड़ताल करनी पड़े या क्रांतिकारी आंदोलन। छात्रों ने यह भी चेताया कि मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर से नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेजों को क्षेत्रीय विश्वविद्यालयों में स्थानांतरित करने की योजना शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने वाली है, और इसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। आंदोलन में पूरे प्रदेश से आए सैकड़ों छात्रों ने हिस्सा लिया।