नेपाल आम चुनाव अपडेट: केवल 20 जनवरी को नामांकन, 23 तक नाम वापसी के बाद 5 मार्च को मतदान; आयोग की अधिसूचना जारी

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, काठमांडू Published by: पवन पांडेय Updated Sun, 16 Nov 2025 10:32 PM IST

Nepal General Election: नेपाल में सितंबर महीने में जेन-जी के प्रदर्शन के दौरान हिंसा और ओली सरकार के पतन के दो महीने बाद चुनाव आयोग ने चुनावी कार्यक्रम की घोषणा की है। इसके अनुसार अगले साल केवल 20 जनवरी को नामांकन, 23 तक नाम वापसी का समय है, जबकि 5 मार्च को मतदान होंगे।

Nepal Election Commission publishes election schedule, Jan 20 date to file nomination

                                               नेपाल आम चुनाव अपडेट

विस्तार

 
नेपाल के निर्वाचन आयोग ने रविवार को मार्च में होने वाले संसदीय चुनाव के लिए पूरा कार्यक्रम जारी कर दिया है। लंबे राजनीतिक तनाव और हालिया उथल-पुथल के बाद यह चुनाव बेहद अहम माना जा रहा है।
नेपाल में नामांकन कब और कैसे?
निर्वाचन आयोग के नोटिस के अनुसार, 20 जनवरी को सुबह 10 बजे से शाम छह बजे तक उम्मीदवार नामांकन दाखिल कर सकेंगे। उसी दिन शाम पांच बजे के बाद प्रत्याशियों की प्रारंभिक सूची प्रकाशित हो जाएगी। किसी भी उम्मीदवार के खिलाफ विरोध या आपत्ति दर्ज करने का समय 21 जनवरी, सुबह 10 बजे से दोपहर तीन बजे तक रहेगा।उम्मीदवारी वापस लेने का मौका और मतदान
चुनावी कार्यक्रम के अनुसार, 22 जनवरी को उम्मीदवारों की आखिरी सूची जारी की जाएगी। उम्मीदवार 23 जनवरी दोपहर एक बजे तक अपना नामांकन वापस ले सकते हैं। उसी दिन तीन बजे तक अंतिम सूची प्रकाशित होगी और चुनाव चिह्न आवंटित कर दिए जाएंगे। नेपाल में 5 मार्च को मतदान होगा। संसदीय चुनाव के लिए वोटिंग सुबह सात बजे शुरू होकर शाम पांच बजे खत्म होगी।                                                                                                                                                                                                                                           कैसी है नेपाल की चुनाव प्रणाली?
नेपाल के संविधान के तहत, कुल 275 सीटों वाली संसद में 165 सदस्य सीधे चुनाव से चुने जाते हैं। बाकी 110 सीटें आनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर भरी जाती हैं।
नेपाल में क्यों जरूरी है ये चुनाव?
इन चुनावों की जरूरत राजनीतिक संकट के कारण पड़ी। दरअसल, 9 सितंबर को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को पद से हटाया गया। इससे पहले, जेन-जी के बड़े प्रदर्शनों ने पूरे देश को हिला दिया था। प्रदर्शनकर्ता भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई और सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग कर रहे थे। दो दिनों में हिंसा इतनी बढ़ गई कि 76 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। इसके बाद राजनीतिक दबाव बढ़ा और ओली सरकार गिर गई। इसके बाद सुशीला कार्की ने 12 सितंबर को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली और जल्द चुनाव कराने का रास्ता साफ हुआ।
सीपीएन-यूएमएल प्रतिनिधि सभा की बहाली के लिए प्रदर्शन जारी रखेगी- ओली
नेपाल के अपदस्थ प्रधानमंत्री और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी प्रतिनिधि सभा की बहाली के लिए दबाव बनाने हेतु देश भर में जन प्रदर्शन जारी रखेगी। भक्तपुर जिले के गुंडू स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए, ओली ने कहा कि विरोध प्रदर्शन कम होने के बजाय और तेज होंगे। ओली ने कहा, 'हमने जन प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। ये रुकेंगे नहीं और और मजबूत ही होंगे।'
ओली ने सुशीला कार्की के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की प्रतिनिधियों और संविधान के प्रति जवाबदेही की कमी के लिए आलोचना की और इसे असंवैधानिक करार दिया। उन्होंने मांग की, यह सरकार किसी के प्रति जवाबदेह नहीं है और इसे कोई मान्यता नहीं देता; इसे हटाया जाना चाहिए। सीपीएन-यूएमएल वर्तमान में देश के कई भागों में प्रदर्शन आयोजित कर रही है, ताकि प्रतिनिधि सभा की बहाली की मांग पर दबाव बनाने के लिए अपने कार्यकर्ताओं को संगठित किया जा सके।

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