भोपाल। सांस्कृतिक संस्था भोपाल तमिल संगम रविवार, 20 अप्रैल को तमिल नववर्ष उत्सव 2025 का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन तमिल विरासत, परंपराओं और एकता की एक जीवंत झलक पेश करेगा, जिसमें परिवारों, गणमान्य व्यक्तियों और सांस्कृतिक प्रेमियों की भागीदारी पूरे क्षेत्र से देखने को मिलेगी।
तमिल नववर्ष, जिसे “पुथांडु“ कहा जाता है, तमिल पंचांग का पहला दिन होता है और यह पर्व विश्वभर में तमिल समुदायों द्वारा अत्यंत श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह नवीनीकरण, कृतज्ञता, समृद्धि और शांति के स्वागत का प्रतीक है। भोपाल शहर में, जो तमिलनाडु के तटीय नगरों से काफी दूर है जहाँ यह पर्व पारंपरिक रूप से मनाया जाता है, यह उत्सव विशेष महत्व रखता है। यह एक ऐसे प्रवासी समुदाय की दृढ़ता और गर्व को दर्शाता है जिसने अपनी भाषाई, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक जड़ों से जुड़े रहते हुए स्वयं को मध्य प्रदेश की संस्कृति में भी सफलतापूर्वक एकीकृत किया है। इस वर्ष का आयोजन विशेष रूप से तमिल संस्कृति की समृद्धि को उजागर करने हेतु डिज़ाइन किया गया है। कार्यक्रम में पारंपरिक संगीत और नृत्य प्रस्तुतियों का समावेश होगा, जिनमें भरतनाट्यम, करगट्टम और कर्नाटिक संगीत शामिल हैं। इसके साथ ही सांस्कृतिक प्रदर्शनी, प्रामाणिक तमिल व्यंजनों की विविधता, समुदाय सहभागिता कार्यक्रम, सांस्कृतिक पुरस्कार वितरण और तमिलनाडु व मध्य प्रदेश के अधिकारियों की भागीदारी भी कार्यक्रम का हिस्सा होंगी।
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