मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को जलगंगा संवर्धन अभियान की समीक्षा करते हुए इसे प्रदेशव्यापी जनआंदोलन का स्वरूप देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जल स्रोतों की स्वच्छता, संरक्षण और पुनर्जीवन के प्रयासों में आम जनता और जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी ज़रूरी है।
मुख्यमंत्री ने जिलों से जुड़कर वहां हो रहे कार्यों की जानकारी प्राप्त की। भोपाल में कलियासोत नदी और बैरसिया क्षेत्र के प्राचीन जल स्रोतों का स्वच्छता कार्य किया जा रहा है। रायसेन में बेतवा नदी के उद्गम स्थल पर बंधान बनाए जा रहे हैं। टीकमगढ़ में 70 तालाबों और 10 बावड़ियों से अतिक्रमण हटाया गया है। वहीं ग्वालियर में व्यापारी संघ ने प्याऊ और शरबत वितरण की व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री ने दिए महत्वपूर्ण निर्देश
- प्राचीन जल संरचनाओं को पुनर्जीवित और उपयोगी बनाया जाए।
- स्थापत्य दृष्टि से महत्वपूर्ण बावड़ियों का दस्तावेजीकरण किया जाए।
- अमृत सरोवर और खेत तालाब योजना के लक्ष्य पूरे किए जाएं।
- जलदूतों और जनप्रतिनिधियों की भागीदारी बढ़ाई जाए।
- नदियों को जोड़ने की संभावनाएं तलाशी जाएं।
- वन क्षेत्रों में पशुओं के लिए जल प्रबंध हों।
- शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक प्याऊ प्रारंभ की जाएं।
- कम पानी की फसलों को प्रोत्साहित किया जाए।