एलजी वितरकों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगे समय से पूरी नहीं की गई तो वह आंदोलन करने को मजबूर होंगे। दरअसल शनिवार को भोपाल के समन्वय भवन में देशभर के एलपीजी वितरकों का राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में देश के विभिन्न राज्यों से आए वितरकों ने ट्रेड से जुड़े मुद्दों पर मंथन किया और एक सात सूत्रीय मांग पत्र तैयार किया, जिसे केंद्र सरकार को सौंपा जाएगा। इस दौरन संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष केके धौरतिया ने कहा हम सरकार से भीख नहीं, अपने अधिकार मांग रहे हैं। पहले निवेदन करेंगे, फिर आंदोलन होगा। एलपीजी वितरक लंबे समय से आर्थिक और व्यवसायिक समस्याओं से जूझ रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।
वितरकों की चुनौतियों पर पुस्तक का विमोचन
अधिवेशन के दौरान संगठन द्वारा वितरकों की समस्याओं पर आधारित एक विशेष पुस्तक का विमोचन भी किया गया। इसमें मौजूदा प्रणाली में वितरकों को होने वाली दिक्कतों, लागत और जिम्मेदारियों का विस्तार से उल्लेख किया गया है। धौरतिया ने कहा कि अब आंदोलन को अंजाम तक पहुंचाने का समय आ गया है। यदि हमारी मांगे नहीं मानी गईं तो 25 हजार वितरक अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे। हर वितरक कम से कम 50 साथियों को जोड़कर मंत्रालय तक हमारी आवाज पहुंचाए। उन्होंने कहा कि उज्ज्वला योजना की सफलता में वितरकों का सबसे बड़ा योगदान रहा है हमने सैकड़ों किलोमीटर दूर जाकर जरूरतमंदों तक गैस पहुंचाई। 12-12 घंटे काम करते हैं, फिर भी कंपनियों की ओर से दबाव झेलते हैं। वितरकों को मिलने वाला कमीशन बेहद कम
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष केके धौरतिया ने कहा कि वर्तमान में वितरकों को मिलने वाला कमीशन बहुत ही कम है, जबकि डीजल, वेतन, और वितरण लागत में कोविड काल के बाद से भारी बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने मांग की कि प्रति सिलेंडर कमीशन को कम से कम 150 किया जाए। साथ ही, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि तेल कंपनियां कॉम्पीटीशन एक्ट का उल्लंघन कर रही हैं जब कंपनियां कहती हैं कि जबरदस्ती सिलेंडर नहीं बेचना है, तो फिर वे वितरकों पर दबाव क्यों बनाती हैं? मांग पत्र में 7 सूत्रीय बिंदु शामिल किए गए
1- कमीशन दर में वृद्धि की जाए
2- तेल कंपनियों से अनुबंधों की पुनः समीक्षा की जाए।
3- मार्केट डिस्ट्रीब्यूशन गाइडलाइन (MDG) को समाप्त किया जाए।
4- सिलेंडर लीकेज की जिम्मेदारी से समाप्त किया जए।
5- अतिरिक्त वितरकों को मुस्टॉक की बाध्यता समाप्त किया जाए।
6- उज्ज्वला योजना में पेनल्टी से राहत मिले ।
7- सेल्स अधिकारियों के दबाव से राहत मिले।
लीकेज की जिम्मेदारी एग्रीमेंट में नहीं
संगठन के अध्यक्ष बीएस शर्मा ने कहा कि हमने कंपनियों के साथ एक स्पष्ट एग्रीमेंट साइन किया है, जिसमें लीकेज सुधारने की कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है। ऐसे में वितरकों पर लीकेज के लिए दबाव डालना अनुचित है। इस दोहरी नीति को तत्काल समाप्त किया जाए।