अमेरिका में शनिवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों की दूसरी बड़ी लहर देखने को मिलेगी। इस बार पचास राज्यों में करीब 400 रैलियां होने वाली हैं। इन रैलियां का आयोजन कार्यकर्ता समूह '50501' कर रहा है। इस नाम का मतलब है- 50 राज्यों में एकजुट होकर 50 विरोध प्रदर्शन।
'गार्जियन' की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप के 20 जनवरी को राष्ट्रपति बनने के बाद यह चौथा बड़ा प्रदर्शन होगा। इससे पहले 17 फरवरी को 'नो किंग्स डे' नाम की रैलियां आयोजित की गई थीं। यह रैलियां तब शुरू की गई थीं, जब ट्रंप ने खुद को सोशल मीडिया पर 'राजा' कह दिया था। पांच अप्रैल को 'हैंड्स ऑफ' आंदोलन के तहत देशभर में 1,200 प्रदर्शन हुए थे। अब आयोजकों की कोशिश है कि इस बार 1.1 करोड़ लोग (यानी अमेरिका की लगभग 3.5% आबादी) प्रदर्शन में शामिल हों। क्या यह अप्रैल से भी बड़ा आंदोलन होगा?
अगर इतनी बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं, तो यह अप्रैल के विरोध प्रदर्शन से भी बड़ा होगा। लोगों का आक्रोश ट्रंप प्रशासन पर इस बात को लेकर है कि उसने सरकारी संस्थाओं को कमजोर किया है। इस काम में ट्रंप के करीबी अरबपति कारोबारी एलन मस्क और उनके नेतृत्व वाले सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) ने भूमिका निभाई है। लोकतंत्र को बचाने की अपील
50501 समूह की प्रवक्ता हीदर डन ने कहा कि शनिवार का विरोध प्रदर्शन 'ट्रंप प्रशासन के अधिनायकवाद से लोकतंत्र की रक्षा' के लिए है। उन्होंने कहा कि यह गैर-राजनीतिक और शांतिपूर्ण आंदोलन है, जो संविधान का सम्मान करता है और सरकार में जनहित को प्राथमिकता देने की मांग करता है। उन्होंने कहा, 'हमारे साथ डेमोक्रेट्स, इंडिपेंडेंट्स और रिपब्लिकन सभी हैं, क्योंकि वे सभी एक ऐसी निष्पक्ष सरकार में भरोसा करते हैं जो लोगों को मुनाफे से ऊपर रखे।'
वॉशिंगटन डीसी में होंगे बड़े प्रदर्शन
वॉशिंगटन डीसी में शनिवार को प्रदर्शन उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस के घर के बाहर और लाफायेट स्क्वायर में होंगे। एक विरोध मार्च जॉर्ज वॉशिंगटन मेमोरियल से शुरू होकर व्हाइट हाउस तक जाएगा। इसमें किल्मर अब्रेगो गार्सिया के लिए आवाज उठाई जाएगी, जिन्हें अदालत के अनुसार गलती से अमेरिका से एल सल्वाडोर निर्वासित कर दिया गया था।