भोपाल की रहने वाली समरीन एक गंभीर मानवीय संकट से गुजर रही हैं। हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं स्थगित कर दी हैं और देश में रह रहे पाक नागरिकों को जल्द से जल्द भारत छोड़ने का आदेश दिया है। इस फैसले का असर समरीन पर गहरा पड़ा है, जो अपने दो छोटे बच्चों के साथ भारत आई थीं। समरीन की शादी सात साल पहले पाकिस्तान के सद्दाम नामक व्यक्ति से हुई थी। उनके रिश्तेदार कराची सहित पाकिस्तान के अन्य हिस्सों में रहते हैं, जिसके चलते उनका रिश्ता पाकिस्तान में तय हुआ। समरीन इस बार पहली बार अपने बच्चों-सवा साल की जुनेरा और छह साल के शाजिल को लेकर भारत आई थीं, ताकि वे अपनी नानी से मिल सकें। लेकिन अब बदलते हालात ने उनकी जिंदगी में भारी उथल-पुथल ला दी है।
समरीन का पाकिस्तानी वीजा खत्म हो चुका है और वीजा एक्सटेंशन की प्रक्रिया अधर में लटक गई है। वहीं, उनके दोनों बच्चों के पास पाकिस्तानी नागरिकता है और उनके वीजा एक्सटेंशन के लिए दिया गया आवेदन भी अब खारिज हो चुका लगता है। उन्होंने बताया कि अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा, “बच्चे बहुत छोटे हैं, उन्हें अकेले पाकिस्तान भेजना नामुमकिन है। वहां सिर्फ मेरी बुजुर्ग और बीमार सास हैं, पति दुबई में हैं। बच्चों की देखभाल वहां कौन करेगा?”समरीन का कहना है कि उन्होंने पाकिस्तान की नागरिकता कभी नहीं ली, ताकि भारत लौटने का रास्ता खुला रहे। वे वहां केवल वीजा पर रह रही थीं। अब भारत से लौटने के लिए उन्हें नया वीजा चाहिए, लेकिन मौजूदा हालात में इसकी संभावना बेहद कम है। समरीन ने अपनी स्थिति की जानकारी भोपाल पुलिस को दी है और एक लिखित आवेदन भी सौंपा है। पुलिस ने उन्हें फिलहाल यहीं रहने को कहा है और मामले को उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाया है।